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रायबरेली32 मिनट पहले
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रायबरेली के ऊंचाहार क्षेत्र में हर साल आग लगने से लाखों रुपए की गृहस्थी और फसल तबाह हो जाती है, क्योंकि आग लगने पर समय से दमकल कर्मी नहीं पहुंच पाते हैं। पहुंच भी जाते हैं तो उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं होने पर आग बुझाने में नाकाम रहते हैं। तहसील क्षेत्र में फायर स्टेशन बनाने के लिए 12 साल पहले जमीन आवंटित कर दी गई, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। अधिकारी शासन से बजट न मिलने की बात कह रहे हैं।
ऊंचाहार तहसील क्षेत्र की लगभग साढ़े 3 लाख की आबादी को आग से बचाने के लिए ऊंचाहार-उन्नाव राजमार्ग पर सवैया तिराहा के पास फायर स्टेशन प्रस्तावित है। सवैया धनी गांव में एक बीघा 17 बिस्वा जमीन स्टेशन के नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज है।
तहसील प्रशासन ने लगभग 12 वर्ष पहले फायर स्टेशन के लिए जमीन उपलब्ध कराई, लेकिन समय बीतता गया और फायर स्टेशन अपने मूर्त रूप में नहीं आ सका। एक दशक से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी फायर स्टेशन बनाने का काम शुरू नहीं हो सका।

पुलिस फायर स्टेशन रायबरेली।
फायर स्टेशन प्रस्तावित होने के बाद से एक अक्टूबर से 31 दिसंबर व एक मार्च से 30 जून तक तहसील मुख्यालय पर फायर कर्मियों की तैनाती रहती है। इसमें दो फायरमैन, एक चालक, एक कुक और 5 होमगार्ड शामिल हैं। बीते एक माह में क्षेत्र में आग लगने की लगभग 15 घटनाएं हुईं।
जनप्रतिनिधि भी नहीं दिला पाए बजट
कहने को यह जिला VIP की श्रेणी आता है, लेकिन यहां के जनप्रतिनिधि विकास को लेकर संजीदा नहीं हैं। चाहे सांसद सोनिया गांधी हों या फिर प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार दिनेश प्रताप सिंह या पूर्व कैबिनेट मंत्री व ऊंचाहार विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय, किसी ने फायर स्टेशन की ओर ध्यान नहीं दिया। यही वजह है कि आज तक तहसील मुख्यालय एक फायर स्टेशन के निर्माण की बाट जोह रहा है।
बजट के अभाव में नहीं हो पाया निर्माण
अग्निशमन अधिकारी मनीराम सरोज ने बताया, फायर स्टेशन के लिए जमीन तो आवंटित हो गई है, लेकिन भवन निर्माण के लिए बजट नहीं मिला है। इस वजह से अब तक निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। बजट के लिए कई बार पत्राचार किया गया।
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