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- Vaccine Is Necessary Because If The Vaccine Is Not Administered, Then There Is A Danger To The Child If There Is An Infection At The Time Of Delivery; Only 20% Pregnant Women In The Country Got The Va
नई दिल्ली27 मिनट पहलेलेखक: पवन कुमार
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देश में कोरोना वैक्सीन के 158 करोड़ डोज लगाए जा चुके हैं, लेकिन प्रेग्नेंट और प्रेग्नेंसी की चाह रखने वाली महिलाएं अब भी वैक्सीन से परहेज कर रही हैं। ऐसी सिर्फ 20% महिलाओं ने ही वैक्सीन लगवाई है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, प्रेग्नेंट या परिवार बढ़ाने की चाह रखने वाली महिलाएं अगर वैक्सीन नहीं लगवाती हैं तो उन्हें और गर्भ में पल रहे बच्चे को गंभीर खतरा हो सकता है।
वैक्सीन न लगवाने पर बच्चों में दो तरह की परेशानियां संभव
कोविड-19 पर बने नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्युनाइजेशन (NTAGI) के चेयरमैन डॉ. एन. के. अरोड़ा का कहना है कि वैक्सीन नहीं लगवाने और कोरोना हो जाने पर प्रेग्नेंट महिलाओं को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। यदि प्रेग्नेंसी के दौरान संक्रमण हुआ तो महिला को ICU में भर्ती होना पड़ सकता है। समय से पहले बच्चे के जन्म की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, जन्म के समय बच्चे के वजन में कमी भी देखी जा सकती है।
20% वैक्सीनेशन चिंता का विषय
देश में हर साल करीब 2.70 करोड़ महिलाएं बच्चों को जन्म देती हैं, जबकि 75 लाख महिलाएं हर साल परिवार बढ़ाने की योजना बना रही होती हैं। इस हिसाब से सिर्फ 20% को कोरोना की वैक्सीन लगना चिंता का विषय है। हालांकि, मध्यप्रदेश में यह आंकड़ा देश से काफी ज्यादा है। यहां अब तक 33% प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीन लग चुकी है। देश में 16 जनवरी, 2021 से वैक्सीनेशन शुरू हुआ था।
अन्य देशों में प्रेग्नेंट महिलाओं पर हुए ट्रायल को देखते हुए भारत सरकार ने जुलाई 2021 में प्रेग्नेंट महिलाओं को वैक्सीन लगाने की इजाजत दी थी।
मार्च से शुरू हो सकता है 12-13 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन
डॉ. अरोड़ा ने कहा है कि मार्च से देश में 12-14 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। तब तक 15 से 17 साल के बच्चों का वैक्सीनेशन पूरा हो जाएगा। देश में 15-18 ऐज ग्रुप के बच्चों की करीब 7.4 करोड़ आबादी हैं। इसमें से 3.45 करोड़ काे पहली डाेज दिया जा चुका है। इन्हें 28 दिन में दूसरी डाेज देना है। देश में 12-14 साल के बच्चों की आबादी करीब 7.5 करोड़ है।
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