Smart Newsline (SN)
Get Latest News from Smart Newsline on Whatsapp (Click to Join)
लखनऊ44 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी अपने तीखे बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वरुण को भाजपा में हिंदुत्व का कट्टर चेहरा माना जाता है। यही वरुण 20 साल बाद नेशनल लीडर होंगे। कठिन समय में भाजपा के लिए तारणहार की भूमिका में आ सकते हैं। मशहूर ज्योतिषाचार्य नस्तूर बेजान दारुवाला ने दैनिक भास्कर की ‘कल, आज कल’ प्रस्तुति के लिए ये भविष्यवाणी की।
उन्होंने कहा कि वरुण मीन राशि के हैं। लग्न राशि तुला है। कुंडली में मंगल-राहु 11वें स्थान, सूर्य-बुध और केतु 5वें स्थान में हैं। यहां केतु सूर्य और बुध की ताकत को छीन रहा है। इसलिए वरुण भाजपा में स्थाई नहीं हैं। हालांकि यूपी के विधानसभा चुनाव में उन्हें नजरअंदाज करना भाजपा की बड़ी भूल जैसा है। वो चुनाव में मददगार साबित हो सकते हैं। उनकी कुंडली में शुक्र और चंद्र बहुत मजबूत है।
इसलिए 2023 के बाद उनका नाम और कद काफी ऊपर तक जाएगा। भविष्य में 15 साल के बाद भाजपा को सत्ता में वापस लाने के लिए वरुण का अहम रोल होगा। वो किसी पार्टी विचारधारा के गुलाम नहीं रह सकते हैं। उनके लिए अहम ये भी है कि लोकसभा चुनाव वो जीतते रहेंगे। 20 साल बाद लोगों की आवाज बनकर उभरेंगे। भाजपा के नेशनल लीडर होंगे। पार्टी में संकटमोचक की भूमिका में होंगे।
विधानसभा चुनाव 2022 में भास्कर प्रतिदिन दिग्गज नेताओं के कल, आज, कल के बारे में आपको बताएगा। इस प्रस्तुति में आने वाले कल में भाजपा सांसद वरुण गांधी की तस्वीर को फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है।

- 13 मार्च 1980 को दिल्ली में संजय गांधी और मेनका गांधी के घर हुआ।
- वरुण की शुरुआती पढ़ाई ऋषि वैली स्कूल, मॉर्डन स्कूल और ब्रिटिश स्कूल से हुई।
- यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से वरुण गांधी ने अर्थशास्त्र में स्नातक किया।
- 1999 में 19 साल की उम्र से राजनीति की शुरुआत की। मां मेनका के लिए चुनाव प्रचार किया।
- 2004 में अपनी मां मेनका के साथ आधिकारिक रूप से भाजपा में शामिल हुए।
- 2004 के चुनावों में पार्टी के लिए प्रचार किया। जिसमें 40 से अधिक निर्वाचन क्षेत्र शामिल थे।
- 2009 के चुनाव में भाजपा ने मेनका की जगह वरुण को पीलीभीत से उम्मीदवार बनाया, सांसद भी बने।
- 2011 में यामिनी रॉय से शादी हुई। उनकी एक बेटी अनुसुइया गांधी हैं।
- 2011 में वरुण गांधी की चार माह की बेटी आद्या की मौत हो गई।
- 2013 में अकेले सांसद, जिन्होंने पूरी सांसद निधि को विकास कार्यों में खर्च किया।
- 2013 में उन्हें पार्टी के इतिहास में सबसे कम उम्र महासचिव और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया था।
- 2014 में गांधी ने सुल्तानपुर में बसपा के पवन पांडे को हराकर जीत हासिल की।
- 2014 के आम चुनाव के बाद उनसे एक-एक करके सारे पद और जिम्मेदारियां छिन ली गईं।
- पीएमओ की तरफ से उन्हें सांसदों के वेतन, रोहिंग्याओं की वापसी पर बयानबाजी से बचने की नसीहत दी।

- 20 साल की उम्र में साल 2000 में पहला कविता संग्रह आया।
- 2015 में उनका दूसरा कविता संग्रह आया।
- 2018 में वरुण गांधी की भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर किताब आई।
- 2000 में ‘द अदरनेस ऑफ सेल्फ’ कविताओं की एक पुस्तक प्रकाशित की।

वरुण के विवादित बयानों को भी पढ़िए…
- पीलीभीत की एक सभा में कहा था, ‘अगर कोई हिंदुओं की ओर हाथ बढ़ाता है या फिर ये सोचता हो कि हिंदू नेतृत्वविहीन हैं तो मैं गीता की कसम खाकर कहता हूँ कि मैं उस हाथ को काट डालूंगा।’
- लोकसभा चुनाव से पहले सुल्तानपुर के लंभुआ में कहा था कि राहुल की अमेठी में सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने अच्छा काम किया है। जबकि भाजपा उस समय राहुल पर अमेठी में कुछ न कर पाने का आरोप लगा रही थी।
- लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी की सभा में भीड़ को लेकर भी वरुण ने सवाल खड़े किए थे। भाजपा के एक प्रवक्ता ने भीड़ लाखों में बताई तो वरुण गांधी ने कहा था कि मैदान में कुछ हजार लोग ही आ सकते हैं।
- फरवरी 2015 में वरुण ने कानपुर के एक कार्यक्रम में कहा कि दूसरों दलों की तुलना में भाजपा कम युवाओं को मौका देती है। इस बयान को मोदी की युवा नीति के खिलाफ माना गया।
- फरवरी 2017 में इंदौर में उन्होंने रोहित वेमुला केस पर कहा कि वेमुला का सुइसाइड नोट पढ़कर उन्हें रोना आ गया।
For breaking news and live news updates, like Smart Newsline on Facebook or follow us on Twitter & Whatsapp