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मथुरा/अयोध्याएक घंटा पहले
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बाँके बिहारी लाल की प्राकट्यस्थली का महाभिषेक किया गया और आरती उतारी गई।
यूपी में बुधवार को दो बड़े धार्मिक कार्यक्रम हैं। जहां एक तरफ मथुरा में बांके बिहारीके प्राकट्योत्सव की धूम है। सुबह से ही प्राकट्यस्थली का महाभिषेक किया गया। बांके बिहारी की आरती उतारी गई। दोपहर में शोभायात्रा निकाली जाएगी।
उधर, अयोध्या में राम बारात को लेकर जश्न का माहौल है। प्रभु श्री राम की बारात शाम को निकलेगी। इस बारात में शामिल होने के लिए सोमवार रात को ही श्रद्धालु यूपी के अलग-अलग जिलों से अयोध्या पहुंच गए थे।
निधिवन राज मंदिर में बधाई गीत गाए गए
ठाकुर बांके बिहारी का प्राकट्योत्सव बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। ठाकुरजी की प्राकट्य स्थली निधिवन राज मंदिर में भोर में प्राकट्यस्थली का पंचामृत से महाभिषेक किया गया। उसके बाद उनकी आरती उतारी गई। इसके बाद बधाई गीत गाएं गए। निधिवन राज मंदिर से बधाई यात्रा लेकर स्वामी हरिदासजी नगर भ्रमण करते हुए ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के लिए निकले। दोपहर को राजभोग के समय शोभायात्रा मंदिर पहुंचेगी। शोभायात्रा में तरह-तरह की झांकियां शामिल होंगी। जहां स्वामी हरिदास जी ठाकुर बांके बिहारी जी को बधाई देंगे, तब ठाकुर जी को राजभोग परोसा जाएगा।

निधिवन राज मंदिर से शुरू होने वाली शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए मंदिर पहुंचेगी।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम
स्वामी हरिदास निधिवन से चांदी के डोले में बैठकर ठाकुर जी को बधाई निकलेंगे तो भक्त आनंदित होकर शोभायात्रा में भगवान के भजनों पर नृत्य करते चलेंगे। निधिवन राज मंदिर से शुरू होने वाली शोभायात्रा नगर भ्रमण करते हुए मंदिर पहुंचेगी। जहां ठाकुरजी को बधाई अर्पित करने के साथ ही राजभोग परोसा जाएगा। बांके बिहारी के प्राकट्योत्सव पर मंदिर को दिव्य और भव्य तरीके से वासंतिक परिवेश में सजाया जाएगा। मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए विशेष बंदोबस्त करने की योजना प्रबंधन बना रहा है।
अयोध्या के मठ मंदिरों से निकाली जाएगी राम बारात
अयोध्या में भगवान श्री राम की भव्य बारात शाम को मठ मंदिरों से निकाली जाएगी। लोग बाराती बनकर नाचते गाते सड़कों पर निकलेंगे। बारात में संतों-महंतों सहित बड़ी संख्या में भक्त शामिल होंगे। देर रात्रि भगवान श्रीराम व माता सीता का प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन होगा। जिसको लेकर मंदिरों में खास तरह की सजावट की गई है। यहां के 12 मंदिरों में भव्य राम बारात निकाली जाने की तैयारी है। इससे पहले राम जी को हल्दी लगी व उनका तिलक उत्सव धूमधाम से हुआ।
इस समारोह में शामिल होने के लिए देश के कोने- कोने से श्रद्धालु श्रीराम व जानकी का विवाह देखने के लिए अयोध्या पहुंच चुके हैं। पिछले सालों की तुलना में इस बार के विवाह उत्सव में श्रद्धालुओं का जोश दोगुना कई गुना है। उनकी ऐसी मनोकामना है कि बहुत जल्द हमारे आराध्य के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा। हम उसमें उनका दर्शन- पूजन करके अपने आप को धन्य महसूस करेंगे।

रात में भगवान श्रीराम और माता सीता का प्रतीकात्मक विवाह का आयोजन होगा।
रामबल्लभाकुंज और जानकी महल ट्रस्ट में विवाह की तैयारियां पूरी
श्रीरामवल्लभाकुंज में महंत रामशंकर दास के नेतृत्व में राम विवाह महोत्सव बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। आठ दिसंबर को भगवान श्री राम की भव्य बारात मंदिर परिसर से निकाली जाएगी। मंदिर क़े प्रमुख स्वामी राजकुमार दास के नेतृत्व व राष्ट्रीय कथावाचक प्रेमभूषण महाराज की मौजूदगी में भगवान का विवाह संपन्न कराया जाएगा।
इसके साथ साथ कनक भवन, जानकी महल, रामहर्षण कुंज, दशरथ महल विअहुति भवन दिब्यकला कुंज, रंग महल,राम कचहरी, जगन्नाथ मंदिर सहित 12 मंदिरों से भव्य बारात निकाली जाएगी।दशरथ महल बड़ा स्थान में महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य की देखरेख में विवाह उत्सव पर जगदगुरु रामानंदाचार्य रामदिनेशाचार्य महाराज की कथा के साथ-साथ फुलवारी का प्रसंग मनाया गया।

किशोरी जी को अपनी पुत्री के रूप में मांगने वाले जानकी महल ट्रस्ट के श्रद्धालुओं में विवाह की खुशी देखते ही बनती है।
मंगल गीत के गायन के साथ-साथ हाथों में मेंहदी
किशोरी जी को अपनी पुत्री के रूप में मांगने वाले जानकी महल ट्रस्ट के श्रद्धालुओं में विवाह की खुशी देखते ही बनती है। अपने आराध्य प्रभु श्री राम की फुलवारी लीला देखने के लिए सुबह से ही भक्तों ने तैयारियां शुरू कर दी।
मंगल गीत के गायन के साथ-साथ हाथों में मेंहदी रचा कर के सज- धज कर प्रभु श्री राम और माता जानकी के प्रथम मधुर मिलन की लीला देखने के लिए तैयार हो रही है। भगवान श्रीराम नगर भ्रमण करते हुए पुष्प वाटिका में पहुंचते हैं जहां माता जानकी गौरी पूजन के लिए आई हैl
पहली बार प्रभु श्री राम और माता जानकी का मिलन पुष्प वाटिका में होता है। यह मंगल दृश्य देखकर वहां उपस्थित लोग खुश होकर माता जानकी और प्रभु श्री राम के जयकारे लगाने लगे। पुष्प वाटिका का पूरा मंचन मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास और तिवारी मंदिर के महंत गिरीशपति तिवारी आदि की मौजूदगी में मनाया गया।
जानकी महल सहित कई मंदिर बने जनकपुर
कार्यक्रम के संयोजक आदित्य सुल्तानियां ने बताया कि हमारे यहां प्रभु श्री राम का विवाह मिथिला और मारवाड़ी पद्धति से मनाया जाता है। हम लोग किशोरी जी को पुत्री के रूप में मानते हैं इसलिए यह प्रभु राम की ससुराल है। हमारे यहां देश के सभी कोने से श्रद्धालु आए हैं और विवाह उत्सव के विभिन्न आयोजनों को देखकर भाव विभोर हो रहे हैं।
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