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- Now Ephedrine Came Out In Investigation, It Is Used In Making Medicines, Accused Got Bail Due To Weak Case
चंडीगढ़18 घंटे पहलेलेखक: रवि अटवाल
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पुलिस ने 13 मई को अशफाक रहमान नाम के शख्स को कोकीन की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था।
6 महीने पहले पुलिस ने 100 करोड़ की कोकिन पकड़ने का दावा किया था। लेकिन पुलिस के दावे का सच सामने आ गया है। पुलिस ने जो कोकीन दिखाई थी, असल में वह एफिड्रिन नाम का एक पदार्थ है, जो दवाओं में इस्तेमाल होता है। ये पदार्थ नारकोटिक्स ड्रग्स के दायरे में भी नहीं आता। ये खुलासा सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबाेरेट्री (सीएफएसएल) की रिपोर्ट में हुआ है। इसका असर ये हुआ कि केस में शामिल दो आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल गई।
पुलिस ने 13 मई 2021 को अशफाक रहमान नाम के शख्स को कोकीन की बड़ी खेप के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया था। निशानदेही पर दो अन्य आरोपियों विजय कुमार और जफर शरीफ को पुलिस ने चेन्नई से गिरफ्तार किया। तीनों पर पुलिस ने एनडीपीएस सेक्शन 21 के तहत केस दर्ज किया। वहीं, पकड़ी गई कोकीन को जांच के लिए सीएफएसएल भेज दिया था। लेकिन सीएफएसएल ने जो रिपोर्ट तैयार की, उसमें ये साफ हो गया है कि जिस ड्रग्स को कोकीन बताया जा रहा था, वह एफिड्रिन थी।
पुलिस ने सीएफएसएल रिपोर्ट के साथ कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी। चार्जशीट पेश होने के बाद दो आरोपियों विजय कुमार और जफर शरीफ ने जमानत अर्जी दायर कर दी। इसी आधार पर मंगलवार को दोनों को कोर्ट से जमानत मिल गई। इन आरोपियों की तरफ से एडवोकेट संदीप गुज्जर, अमनदीप सिंह और अमरजीत सिंह ने जमानत याचिका दायर की थी। इन्होंने याचिका में कहा कि पुलिस ने केवल अपनी वाहवाही लूटने के लिए केस को इतना बड़ा बना दिया।
ड्रग्स के बदलने से पुलिस का पूरा केस ही पलट गया है। पहले पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 के तहत केस दर्ज किया था, लेकिन अब चार्जशीट में पुलिस ने आरोपियों पर धारा 21 हटा दी है और एनडीपीएस एक्ट की धारा 9ए और 25ए लगा दी है। सेक्शन 21 में कम से कम 10 साल और अधिकतम 20 साल की सजा का प्रावधान है। जबकि सेक्शन 25ए में कम से कम सजा का उल्लेख नहीं है, लेकिन अधिकतम 10 साल सजा हो सकती है।
पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किया था खुलासा
13 मई 2021 को पुलिस ने 10 किलो कोकीन पकड़ने का दावा किया था, जिसकी वैल्यू 100 करोड़ रुपए बताई जा रही थी। एसएसपी कुलदीप सिंह चहल ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केस का खुलासा किया था। पुलिस के मुताबिक चेन्नई से ट्रेन के जरिए चंडीगढ़ की एक्सेल वर्ल्ड वाइड प्राइवेट लिमिटेड कोरियर कंपनी में यह खेप पहुंची थी। यहां से इसे ऑस्ट्रेलिया पहुंचाया जाना था, लेकिन इससे पहले ही पुलिस को इसकी सूचना मिल गई।
एसएचओ सेक्टर-31 नरेंद्र पटियाल की टीम ने रेड की और दो गत्ते के बॉक्स बरामद किए। इनमें क्रॉकरी थी, लेकिन उसके नीचे लकड़ी की ट्रे थी, जिसमें 14 पैकेट मिले। इन पैकेट में पुलिस को कोकीन बरामद हुई। पुलिस ने आरोपी अशफाक रहमान को गिरफ्तार कर लिया। उसके बयान पर पुलिस ने दो अन्य आरोपियों विजय कुमार और जफर शरीफ को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया।
कोकीन और एफिड्रिन में फर्क
कोकीन एक नारकोटिक्स ड्रग है, जिसका इस्तेमाल केवल नशे के लिए ही किया जाता है। जबकि एफिड्रिन को सीधे तौर पर ड्रग नहीं माना जाता, क्योंकि ये कंट्रोल्ड सबस्टांस है। इसका इस्तेमाल सरकार की देखरेख में होता है। एनसीबी के एक पूर्व अधिकारी के मुताबिक एफिड्रिन का इस्तेमाल दवाओं के निर्माण में किया जाता है। ये जिन फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होता है, उन्हें रेगुलर इसके स्टॉक की जानकारी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को देनी पड़ती है। वहीं, एडवोकेट संदीप गुज्जर का कहना है कि पुलिस का दावा शुरुआत से ही शक में दायरे में था।
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