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चंडीगढ़ / मोहाली / पंचकूला2 घंटे पहले
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दिवाली की रात लोग पटाखे दगाते हुए
चंडीगढ़ प्रशासन ने शहर में पटाखे विक्री समेत चलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया हुआ था। शहर में पटाखें न चलाए जा सके। इसके लिए चंडीगढ़ पुलिस के 600 जवानों से अधिक जवान तैनात किए गए थे। बावजूद दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी ने आज अपना असर दिखा दिया है। शहर में प्रदूषण लेवल प्वाइंट बढ़ोतरी दर्ज की गई है। चंडीगढ़ में आज AQI 152 प्वाइंट जा पहुंचा। जो नार्मल दिनों की अपेक्षा अधिक है। डॉक्टरों की माने तो इसमें फेफड़े, दमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में तकलीफ होगी। इस तरह की रोग से ग्रसित लोग बिना मास्क लगाए घर से बाहर न निकले। नहीं तो और भी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जब कि पंचकूला में भी AQI 157 प्वाइंट दर्ज किया गया है। वहीं मोहाली में 153 किया गया।

प्रतिबंध के बाद भी पटाखे दगाते हुए लोग
AQI स्तर 0 से 50 अच्छा सांस लेने के लिए
-51-100 संतोषजनक सांस लेने लायक हवा
-101-200 मध्यम बीमार लोगों को हल्की परेशानी
-201-300 खराब आंखों में जलन, दिल के रोगियों के लिए खतरनाक
-301-400 बेहद खराब खुली हवा में सांस लेना खतरनाक
-401-500 गंभीर सांस लेने लायक ही नहीं, जहरीली हवा
पुलिसकर्मी करते रहे गश्त, दगते रहे पटाखे
प्रशासन की ओर से दीवाली पर पटाखों पर पाबंदी लगाई हुई थी। यह आदेश सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहे। अधिकतर सेक्टरों में खूब पटाखे दगाए गए। चंडीगढ़ पुलिस का कहना है कि पटाखे चलाने वाले लोगों पर मामला भी दर्ज किया गया है। पटाखे चलने से प्रदूषण स्तर भी बढ़ गया है। ऐसे में लोगों का कहना है कि ऐसे पटाखों पर रोक लगाने का क्या फायदा है। मोहाली में प्रशासन की ओर से कोई पाबंदी नहीं लगाई गई। उनका कहना है कि चंडीगढ़ में सिर्फ कागजों पर पाबंदी लगाई गई है। प्रशासन को शहरवासियों से राय लेकर अहम फैसले लेने चाहिए।
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