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- Inspector Inspector Was Arrested In Film Style, As Soon As The Police Reached The Police Station, The Policemen Said, Jai Hind Sir… Welcome With Coffee And Samosas; Jailed Like ‘Most Wanted’
एक घंटा पहले
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रविवार की शाम करीब 5 बजे देवरिया बाईपास तिराहे से मुखबिरे खास की सूचना पर पूरे फिल्मी स्टाइल में आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा गिरफ्तार।
कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर के रामगढ़ताल पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में आखिरकार पूरे 13 दिनों बाद बकायदा फिल्मी स्टाइल में हत्यारोपी इंस्पेक्टर जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा की गिरफ्तारी हो गई। पूरी जिंदगी पुलिस विभाग में गुजारने वाले इंस्पेक्टर- दरोगा अपनी गिरफ्तारी के वक्त इतने नादान हो गए कि वह खुद पर एक लाख का इनाम घोषित होते ही उसी थाने के पास पहुंच गए, जहां उनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर पूरी 14 टीमें उनकी तलाश कर रही हैं। गिरफ्तारी भी वहीं से हुई, जहां अब तक जेएन सिंह ने खुद करीब दर्जन भर बदमाशों को पकड़ा।
मुखबिरे खास ने कर दिया कमाल
अब तक आरोपितों को बचाने वाली गोरखपुर पुलिस के बांसगांव इंस्पेक्टर राणा देवेंद्र सिंह की टीम रविवार की शाम करीब 5 बजे देवरिया बाईपास तिराहे से मुखबिरे खास की सूचना पर पूरे फिल्मी स्टाइल में आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा को गिरफ्तार कर लेती है। कानपुर SIT और गोरखपुर पुलिस की कुल 13 टीमों को पछाड़ इस बार बांसगांव पुलिस दो आरोपितों को पकड़कर दो लाख रुपए का इनाम भी झटक ली।
शाम करीब 5.15 बजे आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा को लेकर बांसगांव पुलिस उसी रामगढ़ताल थाने पहुंची, जहां जेएन सिंह इंस्पेक्टर हुआ करते थे। लेकिन अब तक यहां तैनात पुलिस कर्मियों के बड़े साहब रहे इंस्पेक्टर को देखते ही यहां उनके प्रति पुलिस वालों का सम्मान कम नहीं हुआ। देखते ही पुलिसकर्मी सावधान हो गए और सैल्यूट मारते हुए बोले- जय हिंद सर…
दो लाख इनाम झटक ली बांसगांव पुलिस
हालांकि इस बीच बांसगांव पुलिस के साथ अन्य अधिकारियों के घुरते ही पुलिस वाले इधर-उधर हो लिए। बावजूद इसके भूतपूर्व इंस्पेक्टर के प्रति पुलिस वालों का सम्मान कम नहीं हुआ। पूछताछ के लिए भी उन्हें उन्हीं के चेंबर में बैठाया गया। थाने पर बकायदा बैरिकेटिंग कर मीडिया और अन्य लोगों को अंदर जाने से रोक दिया गया। कुछ ही देर में सूचना पाते ही कानपुर SIT की टीम भी पहुंच गई। इसके बाद चेंबर का हरा पर्दा तान दिया जाता है और शुरू होती है पूछताछ।
फिल्मी अंदाज में भेजे गए जेल
पूछताछ से पहले बाहर से अंदर जाने वाले हर एक पुलिसकर्मी पर रोक लगा दी गई। फिर चाय- नाश्ते का दौर शुरू हुआ। थाने से कुछ ही दूरी पर मौजूद फेमस समोसे की दुकान से इंस्पेक्टर के पंसदीता समोसे- चटनी और चाय आ गई। इसके बाद पूछताछ शुरू की गई। शाम 5.30 बजे अपने चेंबर में गए जेएन सिंह और दरोगा अक्षय मिश्रा इस बीच एक बार भी बाहर नहीं आए। करीब 6 घंटे पूछताछ के बाद अचानक रात 11.20 बजे गिरफ्तारी की स्क्रिप्ट पूरी तरह बदल गई।
थाने पर लगातार बढ़ती पब्लिक की भीड़ और गुस्सा देखते ही पूरे फिल्मी अंदाज में को आधी रात कोर्ट में पेश किया गया। इसके लिए पुलिस वैन पहले थाने के अंदर गई। इसके बाद मीडिया के कैमरों को बचाने के लिए कई बार थाने की बिजली काटी गई। बिजली की आंखमिचौली के बीच आरोपित इंस्पेक्टर- दरोगा को पुलिस थाने से लेकर कोर्ट निकल गई।
बिजली की आंख-मिचौली के बीच हुई कोर्ट में पेशी
हालांकि कोर्ट में पेश करने से पहले आरोपित पुलिस वालों का मेडिकल कराने पुलिस उन्हें जिला अस्पताल नहीं ले गई, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से मेडिकल टीम थाने ही बुलाकर रात करीब 10.30 बजे उनका मेडिकल कराया गया। इसके बाद रात 11.20 बजे थाने से निकलकर रात 12 बजे भारी सुरक्षा के बीच आरोपितों को एसीजेएम फास्ट ट्रैक कोर्ट अमित कुमार की अदालत में पेश किया गया। जहां SIT ने आरोपितों के ट्रांजिट रिमांड की अप्लीकेशन डाल रखी थी। जबकि आरोपितों की ओर से बेल अप्लीकेशन नहीं डाली गई थी। अदालत ने रिमांड अप्लीकेशन खारिज करते हुए दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
नेहरू बैरक में एक- दूसरे का सहारा बने रहे इंस्पेक्टर- दरोगा
रात 1.10 बजे कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों आरोपित पुलिस वालों को मंडलीय कारागार में दाखिल कराया गया। जहां दोनों को नेहरू बैरक में रखा गया। कहा जा रहा है कि सुरक्षा के लिहाज से नेहरू बैरक में अन्य किसी कैदी को नहीं रखा गया। देर रात हो जाने की वजह से आरोपित पुलिस वालों को जेल में भोजन भी नहीं मिला। पानी की बोतल के सहारे ही वह पूरी रात जेल की बैरक को निहारते रहे और भींगी आंखों से पूरी रात एक- दूसरे का सहारा बने रहे। जेल प्रशासन ने भी जेल में सुरक्षा के लिहाज से नेहरू बैरक की सुरक्षा बढ़ा दी है। क्योंकि जेल में एक- दो नहीं बल्कि दर्जनों ऐसे बदमाश बंद हैं, जिन्हें आरोपित इंस्पेक्टर और दरोगा ने ही गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
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