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- With The First Navratra, The Langur Fair Starts From Tomorrow, Children Wearing Corona Armor Will Reach This Fair, Security Arrangements Are Complete
अमृतसरएक घंटा पहले
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बड़ा हनुमान मंदिर में श्री हनुमान जी की मूर्ति, कहा जाता है कि इसे लव कुश ने खुद बनाया था।
पहले नवरात्रे के साथ ही अमृतसर में दुर्ग्याणा मंदिर के साथ स्थित बड़ा हनुमान मंदिर में लंगूर मेला शुरु होने जा रहा है। दशहरे तक आयोजित होने वाले इस मेले में लाखों बच्चे वानर का रूप धारण करके माथा टेकने पहुंच जाते हैं। कहा जात है कि यह प्रथा रामायण काल से चली आ रही है। इस जगह को श्री राम का वर प्राप्त है। लेकिन कोरोना के चलते इस बार विदेश से बच्चे इस मेले में नहीं पहुंच पाएंगे, लेकिन भारत के विभिन्न प्रदेशों से यहां हजारों की संख्या में वानर सेना माथा टेकने पहुंच रही है।

इस तरह वानर रूप धारण कर पहुंचते हैं बच्चे।
इस मंदिर के बारे में यह आस्था मानी जाती है कि यदि किसी दंपत्ति को संतान की प्राप्ति नहीं हो रही हो तो वह यहां आकर मुराद मांगता है। यदि उसके संतान उत्पन्न हो जाती है तो वह अपने बच्चे को लेकर इस लंगूर मेले में लेकर आता है। अपने बच्चे को लंगूर की तरह सजाता है और उसे श्री हनुमान की वानर सेना शामिल करता है। वहीं दूसरी तरफ मंदिर में आयोजित की सारी तैयारियां हो चुकी हैं। DCP परमिंदर सिंह बंडाल ने कहा कि लंगूर मेले में सुरक्षा के सभी उचित प्रबंध कर लिए गए हैं। रोजाना तीनों पल मंदिर की चैकिंग की जाएगी।

रंग बिरंगी लाइटों से सजा दुर्ग्याणा मंदिर।
टिफिन बम से निपटने के लिए पुलिस तैयार
त्यौहारों के चलते DGP कार्यालय से हाई अलर्ट जारी है। अमृतसर में लंगूर मेला बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। DCP बंडाल ने बताया कि पूरी परिसर में CCTV से नजर रखी जाएगी। पंजाब पुलिस के साथ कमांडोज भी तैनात किए जाएंगे। तीन रोटेशनों में पुलिस बल ड्यूटी देगा। इसके अलावा तीनों पल पुलिस पूरे परिसर की जांच करेगी। पुलिस यहां आने वाले वानर सेना के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है।
60 बजरंगी सेनाएं भी पहुंचेंगी
बड़ा हनुमान मंदिर में सेवक व श्री गिरिराज सेवा संघ के प्रधान संजय मेहरा ने बताया कि इस साल 60 बजरंगी सेनाएं बड़े हनुमान मंदिर में माथा टेकने पहुंचेंगी। वहीं 4000 से 5000 के करीब बच्चों के वानर बनने और रोजाना अपने परिवार के साथ माथा टेकने का अनुमान है। वहीं सभी से अनुरोध किया गया है कि बच्चे मास्क के बिना माथा टेकने ना पहुंचे।
क्यों मनाया जाता है यह मेला
बड़ा हनुमान मंदिर में हनुमान जी की बैठी अवस्था में मूर्ति है। यह भी कहा जाता है कि भगवान हनुमान की मूर्ति को लव कुश ने स्वयं बनाया था। इसी मंदिर में एक बट का वृक्ष भी मौजूद है। जब राम जी की सेना के साथ लव कुश का युद्ध हुआ था तो हनुमान जी को इसी वृक्ष से बांधा गया था। यहां पर भगवान राम को उनकी संतानों से मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था, इसीलिए यहां पर जो भी व्यक्ति संतान की कामना करता है तो उसकी यह कामना जरूर पूरी होती है। संतान प्राप्ति के अभिभावक अपने बच्चों को वानर रूप धारण करवा इस मंदिर में पहुंचते हैं।
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