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लुधियाना3 घंटे पहले
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पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन कर चुके शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने आपस में 2 सीटों की अदला-बदली की है। अकाली दल ने पहले अमृतसर नॉर्थ और सुजानपुर सीट BSP को दी थीं मगर अब पार्टी ने ये दोनों सीटें वापस लेते हुए BSP को इनकी जगह कपूरथला और होशियारपुर जिले की शामचौरासी विधानसभा सीट दी है। इसका ऐलान बुधवार को अकाली दल के सीनियर नेता दलजीत सिंह चीमा ने किया। अकाली दल ने यह बदलाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आए नेताओं को एडजस्ट करने के लिए किया है। हाल में भाजपा से निकाले गए अनिल जोशी को अकाली दल ने अमृतसर नॉर्थ से टिकट दिया है। इसी तरह सुजानपुर सीट से राजकुमार गुप्ता को अकाली दल ने उम्मीदवार बनाया है।
दोनों सियासी पार्टियों के बीच सीटों की इस अदला-बदली के बाद शिरोमणि अकाली दल को अंदरुनी विरोध का सामना करना पड़ा सकता है। ऐसी चर्चा है कि अकाली दल में सरबजीत सिंह मक्कड़ शामचौरासी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे मगर अब पार्टी ने यह सीट BSP को दे दी है इसलिए मक्कड़ चाहकर भी यहां से पार्टी सिंबल पर चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। उधर अमृतसर नॉर्थ और सुजानपुर सीट दलित बहुल हैं और इसी वजह से BSP ने इन पर अपना दावा किया था। अब ये दोनों ही सीटें अकाली दल के खाते में चले जाने से यहां BSP के संभावित दावेदार नाराज हो सकते हैं।

सुखबीर ने पहले ही अनाउंस कर दीं टिकट
पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता अनिल जोशी और राजकुमार गुप्ता ने बीती 20 अगस्त को चंडीगढ़ में आयोजित प्रोग्राम में अकाली दल ज्वाइन किया था। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने उसी प्रोग्राम में अनिल जोशी को अमृतसर नॉर्थ और राजकुमार गुप्ता को सुजानपुर सीट से पार्टी उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया था। उसके बाद से ही BSP और अकाली दल के बीच इस बात पर मंथन चल रहा था कि इन दोनों सीटों के बदले में कौन सी सीटें BPS को दी जाएं।
जून-2021 में हुआ था दोनों पार्टियों का गठबंधन
नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार की ओर से लाए गए 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच शिरोमणि अकाली दल ने इन कानूनों का विरोध करते हुए 27 सितंबर 2020 को भाजपा से अपना 23 साल पुराना गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया था। उसके बाद अकाली दल ने जून-2021 में BSP से नया गठबंधन करते हुए 97 सीटें अपने पास रखने और 20 सीटें BSP को देने का ऐलान किया। पंजाब में अकाली दल और BSP 25 साल बाद एक-दूसरे के सहयोगी बने। गठबंधन होने के बाद यह पहली बार है कि जब दोनों दलों के बीच सीटों की अदला-बदली हुई है। BSP ने अभी तक एक भी सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है जबकि अकाली दल 26 सीटों पर टिकटों का ऐलान कर चुका है।
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