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- Section 3 In Lieu Of Covering Up The Case Registered In The SC ST Act, The Constable Demanded 30 Thousand Through The Broker, The Broker Trap Taking The Bribe, The Role Of The DSP Suspected Kota Rajasthan
कोटा3 घंटे पहले
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कोटा की ACB टीम ने बूंदी में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दलाल को ट्रेप किया है।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोटा की टीम ने बूंदी में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दलाल को ट्रैप किया है।जबकि ट्रेप की भनक लगते ही हेड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया। आरोपियों ने परिवादी से धारा 3 एससी/ एसटी एक्ट में दर्ज मामले को रफा-दफा करने के बदले 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। परिवादी ने रिश्वत की रकम कोटा के एक साहूकार से 3 रुपए सैकड़ा मासिक ब्याज पर लेकर आया।
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कोटा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील ने बताया परिवादी गिरिराज प्रसाद (22) निवासी लबान तहसील इंद्रगढ़ जिला बूंदी ने शिकायत दी थी। जिसमें बताया था कि उसके बड़े भाई मोहनलाल के खिलाफ मेरे गांव के शिवराज मीणा ने धारा 3 एससी/एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसकी जांच डिप्टी घनश्याम वर्मा कर रहे हैं। डिप्टी घनश्याम वर्मा उनके रीडर हरेंद्र (हेड कॉन्स्टेबल) के माध्यम से मामला रफा-दफा करने व एफआर लगाने के 30 हजार की रिश्वत मांग रहे है।
जब डिप्टी ऑफिस में जाकर रीडर हरेंद्र से मिला तो उन्होंने मेरे गांव के प्रेम शंकर राठौड़ को 30 हजार देने के लिए कहते हुए कहां कि मेरे पास मत आना, प्रेमशंकर को 30 हजार रुपए दे देना। डिप्टी साहब से में मामला रफा-दफा करवा दूंगा। रीडर से डिप्टी साहब से मिलाने को कहा तो रीडर ने कहां की मैं बोल रहा हूं न, तेरा काम हो जाएगा, तू तो प्रेम शंकर को 30 हजार दे देना। उसके बाद से ही प्रेम शंकर बार-बार 30 हजार की मांग कर रहा है।
शिकायत पर 3 सितंबर को गोपनीय सत्यापन में रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। सत्यापन के दौरान आरोपी हरेंद्र ने परिवादी से बात की। दलाल प्रेमशंकर को साथ लेकर आने की बात कही। सौदा 25 हजार में तय हुआ।
गिरिराज प्रसाद ने जैसे-तैसे ब्याज से पैसा लेकर रिश्वत की रकम का इंतजाम किया। वो 3 रुपए सैंकडा ब्याज से पैसे लेकर आया। ACB ने आज जाल बिछाकर ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया। जैसे ही परिवादी गिरिराज ने लबान गांव में दलाल प्रेमशंकर को 25 हजार की रिश्वत दी। वैसे ही ACB ने उसे दबोच लिया। इधर ट्रैप की सूचना लगते ही हैड कांस्टेबल फरार हो गया। ACB की टीम DSP की भूमिका की भी जांच कर रही है।
टीम में नरेश चौहान, अजीत बगडोलिया पुलिस निरीक्षक, भरत सिंह, मोहम्मद खालिक, देवेंद्र सिंह, ब्रजराज, मनोज कुमार, योगेंद्र सिंह, हेमंत सिंह, जोगिंदर सिंह शामिल रहे।
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