Smart Newsline (SN)
Get Latest News from Smart Newsline on Whatsapp (Click to Join)
जोधपुरएक घंटा पहलेलेखक: नरेश कुमार
- कॉपी लिंक
72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार द्वारा जज के लिए लौटाए गए किसी के नाम को दुबारा सिफारिश भेजी गई है।
- राजस्थान हाईकोर्ट में जज बनाने के लिए कॉलेजियम ने प्रदेश के एएजी फर्जंद अली का नाम दोबारा भेजा
यह कोई नई बात नहीं है कि केंद्र सरकार जज के लिए सुप्रीम कोर्ट से आए नाम को लौटा देती है और सुप्रीम कोर्ट उसी नाम को दुबारा भेजती है, लेकिन राजस्थान के न्यायिक क्षेत्र में संभवत: 72 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि केंद्र सरकार द्वारा जज के लिए लौटाए गए किसी के नाम को दुबारा सिफारिश भेजी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने जोधपुर में एएजी के पद पर कार्यरत फर्जंद अली के नाम की पुन: सिफारिश की है। अब केंद्र सरकार अली के नाम को मंजूरी देने के लिए बाध्य है। पिछली बार जब अली का नाम भेजा गया था, तब केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद थे, उनके इस्तीफा देने के कारण अब विधि मंत्री का जिम्मा किरण रिजिजू के पास है।
दो साल पहले भेजा गया था नाम : अली को जज बनाने के लिए दो साल पहले जुलाई 2019 में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने केंद्र सरकार को सिफारिश की थी। अली के साथ ही जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल का नाम भी भेजा गया था, उन्होंने 6 नवंबर 2019 को जज की शपथ ले ली थी, लेकिन सरकार ने अली का नाम रोक दिया और फिर सुप्रीम कोर्ट को लौटा दिया था।
जानें दुबारा नाम भेजना क्यों महत्वपूर्ण है
राजस्थान में हाईकोर्ट से भेजी गई सिफारिश भले ही सुप्रीम कोर्ट स्तर पर ड्रॉप हुई हो, लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र से नाम लौटने के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने उसी नाम को कंसीडर करते हुए पुन: सिफारिश भेजी है। विधि जानकार कहते हैं कि केंद्र अगर कोई नाम लौटाती है और उसी नाम को सुप्रीम कोर्ट का कॉलेजियम वापस भेजता है तो उस नाम को मंजूरी देने के लिए सरकार बाध्य है।
For breaking news and live news updates, like Smart Newsline on Facebook or follow us on Twitter & Whatsapp