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- Challan Presented In Court Against Corrupt IRS Dr Shashank Yadav, Full Story Of Bribery Network Running In Opium Factory Neemuch In Chargesheet Kota Rajasthan
कोटाएक घंटा पहले
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फाइल फोटो- निलंबित IRS डॉ शशांक य�
अवैध वसूली के आरोप में जेल में बंद निलंबित IRS डॉ शशांक यादव के खिलाफ ACB स्पेशल यूनिट कोटा ने कोर्ट में 1012 पन्नों की चार्जशीट पेश की है। चार्जशीट में में ACB ने भ्रष्ट IRS डॉ शशांक यादव की पूरी कुंडली लिख दी।अफीम नीमच फैक्ट्री में महाप्रबंधक का अतिरिक्त चार्ज संभाले से लेकर सलाखों तक पहुंचने की पूरी कहानी कम दिलचस्प नहीं है। चार्जशीट में यह भी साबित करने की कोशिश की गई है कि शशांक यादव ने अवैध वसूली के लिए अपने चहेते स्टाफ को लगाया। फिर अफीम की सेम्पलिंग,कोडिंग व टेस्टिंग के लिए एसओपी तैयार करवाई।

ACB ने 17 जुलाई को हैंगिंग ब्रिज टोल नाके पर आरोपी की गाड़ी को रुकवाकर आकस्मिक चेकिंग की थी। जिसमें 16 लाख 32 हजार 410 रुपए जब्त किए।
केस को मजबूत बनाने के लिए आने वाले समय मे स्कॉर्पियो बेनामी में खरीदने व वाहन के रजिस्ट्रेशन में फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर रजिस्ट्रेशन करवाने के सम्बंध में बेनामी सम्पत्ति अधिनियम के तहत कार्रवाई करने के लिए रिपोर्ट पेश की जाएगी। आपसी मिलीभगत कर एसओपी की पालना नही करने व लेब व कोडिंग शाखा की जानकारी लीक करने व लापरवाही बरतने पर दीपक यादव (रिचर्स ऑफिसर) व अजीत सिंह (ए.सी.ई.) के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा है।
ऐसे जमाया अवैध वसूली का नेटवर्क
डॉ शशांक यादव को 28 अक्टूबर 2020 को अफीम फैक्ट्री, गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) महाप्रबंधक पद पर नियुक्ति मिली थी। 11 जनवरी 2021 को डॉ शशांक यादव को अतिरिक्त चार्ज के तहत महाप्रबंधक पद पर नीमच फैक्ट्री में लगाया था।नीमच फैक्ट्री में अतिरिक्त चार्ज संभालते ही डॉ शशांक ने 26 मई 2012 को अफीम की सेम्पलिंग, कोडिंग व टेस्टिंग के लिए एसओपी (SOP) तैयार करवाई। इसके बाद अफीम किसानों से अवैध वसूली के लिए अपने चहेते स्टाफ दीपक यादव (रिचर्स ऑफिसर) को 4 जून को आदेश जारी कोडिंग/डिकोडिंग का सहायक अधिकारी नियुक्त किया।वहीं ए.सी.ई. अजीत कुमार सिंह का ट्रांसफर अक्टुबर 2021 तक रुकवाया था। ACB ने आदेशों की प्रतियां कोर्ट में पेश की है।
मिलीभगत से चलता था खेल
प्रयोगशाला में सैंपल टेस्टिंग पूरी वीडियोग्राफी की जाती है। वहां पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हुए हैं। लैब में मशीनों से सैम्पलों ओं का परीक्षण हो जाने के बाद परीक्षण रिपोर्ट एफटीएनआईआर मशीन की स्क्रीन पर दिखाई देती है।उसकी भी वीडियोग्राफी कराई जाती है। लैब से परीक्षण रिपोर्ट बाबत परीक्षण दूसरे दिन ही कोडिंग शाखा में भेजी जानी चाहिए थी। लेकिन परीक्षण रिपोर्ट को दूसरे दिन नहीं भेजकर जानबूझकर 2 से 7 दिन में भेजा जाता था। ताकि इस अवधि में आरोपी पक्ष के दलाल किसानों से संपर्क कर अवैध वसूली कर सकें।
इस 7 दिन की अवधि के दौरान डॉ शशांक यादव उसके दलाल संबंधित किसानों से मिलकर किसानों को अफीम की मॉर्फिन प्रतिशत कम बताकर अफीम के पट्टे जारी नहीं करते व अफीम पट्टों का क्षेत्रफल (आरी) कम करने का डर दिखाकर अवैध वसूली करना पाया गया।
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