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पाली।16 मिनट पहले
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सड़क हादसे में एक शहरवासी की उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। उसने दुर्घटना बीमा करवा रखा था। परिजनों ने क्लेम राशि के लिए आवेदन किया तो बीमा कम्पनी ने यह खारिज कर दिया। जिसमें तर्क दिया कि मृतक की बॉडी पर ऐसे कोई गहरे जख्म के निशान नहीं हो जिससे की लगे की उनकी दुर्घटना में मौत हुई हो। जिस पर मृतक के परिजनों ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शरण ली। मामले की सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष यतीन्द्र प्रकाश शर्मा ने माना कि बीमित की सड़क दुर्घटना में मौत हुई हैं। जिस पर उन्होंने बीमा कम्पनी युनाइडेट इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी को बीमित नोमिनी को 20 लाख रुपए की बीमा राशि देने के आदेश जारी किए।
जानकारी के अनुसार शहर के समदड़ियों का बास पुरानी सब्जी मंडी निवासी उगमराज पोरवाल ने बीमा कम्पनी यूनाइडेट इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी से 10 लाख का दुर्घटना बीमा पॉलिसी करवाई थी। इसका प्रीमियम 356 रुपए भी अदा किए थे। बीमा अवधि के दौरान 17 मार्च 2016 को पाली डिस्टिक्ट क्लब रोड पर स्कूटी स्लीप होने से उगमराम नीचे गिर गंभीर घायल हो गए। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें जोधपुर रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। उनकी पत्नी कंचन पोरावल ने बीमा कम्पनी में क्लेम का दावा किया लेकिन कम्पनी ने दस्तावेज पूर्ण नहीं होने का हवाला देते हुए क्लेम दावा खारिज कर दिया। जिस पर परवादी ने अपने वकील सुनिल विजयवर्गीय व महेन्द्र गुलवान के जरिए उपभोक्ता मंच में परिवाद पेश किया। सुनवाई के बाद आयोग ने बीमा कम्पनी को दोषी मानते हुए उसे परिवादी की क्लेम राशि 10 लाख रुपए देने एवं मानसिक संताप राशि 25 हजार रुपए व परिवार का खर्च 10 हजार रुपए परिवादी कंचन पोरवाल को देने का आदेश जारी किया।
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