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- Despite Valid Ticket, Air India Denied Boarding Pass, Commission Directed To Pay Compensation For Mental Harassment.
चंडीगढ़एक घंटा पहले
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डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रीड्रेसल कमिशन चंडीगढ़।
वेलिड टिकट के बावजूद बोर्डिंग पास से इनकार करने के लिए डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रीड्रेसल कमिशन चंडीगढ़ ने एयर इंडिया को मानसिक प्रताड़ना के लिए मुआवजा देने का निर्देश दिया है। कमिशन ने एयरलाइन को 17,377 रुपए की राशि वापस करने का भी निर्देश दिया, जो शिकायतकर्ता को अगले दिन के लिए एक नए टिकट के लिए अतिरिक्त शुल्क के तौर पर लिया गया था।
वकील अतुल गोयल के माध्यम से कमिशन के समक्ष दायर एक शिकायत में सेक्टर 22 चंडीगढ़ की निवासी कमला रानी (61) ने कहा कि उसने 91,085 रुपए की राशि का भुगतान करके 16 जुलाई, 2018 को ऑस्ट्रेलिया के लिए एयर इंडिया से टिकट बुक किया था। उसने आरोप लगाया कि दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद एयर इंडिया के कर्मचारियों ने वेलिड टिकट होने के बावजूद उसे बोर्डिंग पास जारी करने से इनकार कर दिया। बार-बार अनुरोध करने के बाद ही, एयरलाइन ने 17,377 रुपए की अतिरिक्त राशि चार्ज करने पर अगले दिन के लिए एक नया टिकट जारी करने का फैसला किया।
उसने कहा कि एयरलाइन द्वारा 17,377 रुपए की अतिरिक्त राशि वसूलना सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के समान है। इसलिए उसने यात्रा के बाद कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के तहत शिकायत दर्ज कर राहत की मांग की। इस पर कमिशन ने एयरलाइन को एक नोटिस भेजा था, जिसमें मामले के उनके वर्जन की मांग की गई थी। लेकिन उनकी ओर से कोई पेश नहीं हुआ। इसलिए केस को 15 जुलाई, 2021 को एक्स-पार्टी के रूप से आगे बढ़ाया गया था।
एयरलाइन की गैर-मौजूदगी उनके दोषी होने का सबूतः कमिशन
अपने आदेश में कमिशन ने कहा कि एयरलाइन ने शिकायतकर्ता के दावे का विरोध नहीं किया और एक्स-पार्टी के विरुद्ध बढ़ना पसंद किया। एयरलाइन का यह कृत्य उसके खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष निकालता है। एयरलाइन की गैर-मौजूदगी से पता चलता है कि शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों के खिलाफ अपने बचाव में उसके पास कहने के लिए कुछ नहीं है। कमिशन ने कहा कि शिकायतकर्ता के पास वेलिड टिकट और वीजा होने के बावजूद एयरलाइन बोर्डिंग पास जारी करने में विफल रही। बल्कि, शिकायतकर्ता से बिना किसी वैध स्पष्टीकरण/औचित्य के अगले दिन के लिए नया टिकट जारी करने के लिए अतिरिक्त रूप से 17,377 रुपए का शुल्क लिया गया।
कमिशन ने कहा कि एयरलाइन निश्चित रूप से अनुचित व्यापार व्यवहार में लिप्त थी क्योंकि उसे शिकायतकर्ता से अतिरिक्त राशि नहीं लेनी चाहिए थी, और शिकायतकर्ता पर यह अनुचित, अनावश्यक मुकदमा चलाया। इसे देखते हुए, एयरलाइन को 17,377 रुपए वापस करने, मानसिक पीड़ा और उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में 5,000 रुपए और शिकायतकर्ता को मुकदमेबाजी की लागत के रूप में 5,000 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
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