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- Three Policemen Of Lakhanmajra Police Station Beat Two 18 year old Youths On The Charge Of Murder, First In The Street And Then To The Police Station, Punched In The Eye, A Youth Lost His Eyesight
रोहतक10 घंटे पहले
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एसपी कार्यालय में शिकायत देने पहुंचे लाखनमाजरा के पीड़ित परिवार।
हरियाणा के रोहतक जिले में खाकी पर फिर से दाग लगे हैं। लाखनमाजरा थाने के तीन पुलिसकर्मियों ने दो युवकों को हत्या के आरोप में पीटा। पहले गली में पीटा और फिर दोनों को पीटते हुए पीसीआर में बैठाकर थाने ले गए। बीच रास्ते से भी पीटते रहे और थाने में ले जाकर फिर पीटा। एक युवक की आंख पर लगातार कई मुक्के मारे, जिससे उसकी आंख की रोशनी कम हो गई है।
मारपीट करने के बाद मामले में दोनों युवकों की किसी प्रकार की संलिप्ता नहीं मिली तो पुलिस ने परिजनों से समझौता लिखवाकर उन्हें घर भेज दिया। इसकी शिकायत लेकर क्षेत्र के लोग सोमवार को एसपी ऑफिस पहुंचे। एसपी ने मामले की जांच डीएसपी मुख्यालय गोरखपाल राणा को सौंप दी और त्वरित रिपोर्ट तलब की है।
आंख पर मारे थे मुक्के, रोशनी हुई कम
पुलिसकर्मियों ने मोनू की आंख पर लगातार मुक्के मारे थे, जिसके चलते उसकी आंख में काफी फर्क आ गया है। अब उसकी एक आंख की रोशनी कम हो गई है। वह आंखों को बिना चश्मे के खोल नहीं पाता है। डॉक्टरों ने उसे चश्मा लगाए रखने की भी सलाह दे दी है। वहीं डॉक्टरी रिपोर्ट के मुताबिक, अगर चश्मे से कोई खास फर्क नहीं पड़ा तो आने वाले समय में उसकी आंखों में लेजर डाली जाएगी।
10वीं के छात्र है दोनों, आजीविका के लिए बेचते हैं सब्जी
अपनी पीड़ा बयां करते हुए पुलिस अधिकारियों के सामने परिजनों ने बताया कि मोनू व उसका दोस्त दोनों ही 10वीं कक्षा के छात्र हैं। मोनू सरकारी नौकरी के एग्जाम की भी तैयारी करता है। वह फिजिकल टेस्ट की भी तैयारी करता है। घर की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी न होने के कारण दोनों सब्जी भी बेचते हैं।

पीड़ित मोनू व उसका दोस्त अंकित।
31 अगस्त की शाम को पुलिसकर्मियों ने की थी मारपीट
एसपी को शिकायत देने पहुंचे मोनू ने बताया कि वह लाखनमाजरा का रहने वाला है। 31 अगस्त की शाम करीब 6 बजे वह अपने दोस्तों के साथ घर के पास खड़ा था। इसी समय वहां पर लाखनमाजरा थाना की पीसीआर में सवार होकर तीन पुलिसकर्मी आए। उन्होंने पीसीआर से उतरते ही मोनू के साथ मारपीट करनी शुरू कर दी। पुलिसकर्मियों ने मोनू को थप्पड़, लात-घूंसों से खूब पीटा। स्थानीय लोगों ने इसका कारण पूछा तो उन्होंने लोगों के साथ भी अभ्रदता की। इसी दौरान वहां पर मोनू की मां भी पहुंच गई, जिन्होंने पुलिसकर्मियों का विरोध किया।
आरोप हैं कि पुलिसकर्मियों ने मोनू की मां के साथ भी अभ्रदता की और जबरदस्ती मोनू और उसके दोस्त अंकित को पीसीआर में डालकर थाने में ले गए। थाने में ले जाकर पुलिसकर्मियों ने उनके साथ वहां भी मारपीट की और कपड़े उतरवा कर अभद्र व्यवहार किया। पुलिसकर्मी मारपीट करते हुए उन पर किसी हत्या के मामले के आरोप जड़ रहे थे। पुलिसकर्मियों के पीछे-पीछे परिजन भी थाने में पहुंच गए। परिजनों के वहां पहुंचते ही अन्य पुलिस कर्मियों ने उन्हें कहा कि आप अपने बेटों को ले जाओ। ये बेकसूर हैं। इन्हें गलतफहमी में उठाकर ले आए और इनके साथ मारपीट कर दी।
परिजन दोनों को घर ले गए। घर पहुंचते ही मोनू की हालत खराब हो गई। उसकी कमर और आंख में बहुत दर्द हो रहा था। उसे उल्टियां आने लगी, जिसके चलते परिजन उसे सीएचसी लाखनमाजरा ले गए। जहां से उसे हालत गंभीर होने के कारण पीजीआई रेफर कर दिया गया, जहां से उसे 1 सितंबर की शाम को छुट्टी मिली।
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