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जैसलमेर24 मिनट पहले
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जैसलमेर में रक्षामंत्री
केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार शाम जैसलमेर में मीडियम रेंज सर्फेस टू एयर मिसाइल (MRSAM) बेस का उद्घाटन किया। इसके बाद रक्षा मंत्री ने जमीन से हवा में मार करने वाली मीडियम रेंज की इस मिसाइल को एयरफोर्स को सौंपा। रक्षामंत्री एयरफोर्स के विशेष विमान से गुरुवार को पाकिस्तान सीमा से सटे जैसलमेर पहुंचे। इससे पहले सुबह में इमरजेंसी एयर स्ट्रिप का उद्घाटन किया था।

मिसाइल बेस का उद्घाटन करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट सौंपी
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत को इस मिसाइल से और मजबूती मिलेगी। देश की सुरक्षा बढ़ेगी। MRSAM मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने उन्नत तकनीक के साथ तैयार किया है। इस मिसाइल को भारतीय वायु सेना के जंगी बेड़े में शामिल किया गया है। इसके बाद वायुसेना की ताकत में और इजाफा होगा। इस दौरान रक्षामंत्री ने एयरफोर्स के जवानों और अधिकारियों की हौसला अफजाई की। रक्षामंत्री के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत, वायुसेना के एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, डीआरडीओ चीफ डॉ. जी. सतीश रेड्डी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी मौजूद रहे।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने राजनाथ सिंह की उपस्थिति में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया को पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट सौंपी। आयोजन के दौरान, डीआरडीओ और आईएआई के अधिकारियों ने एमआरएसएएम प्रणाली की क्षमता का प्रदर्शन किया।

पहली डिलीवरी योग्य फायरिंग यूनिट सौंपी।
पीएम नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ, आईएआई, विभिन्न निरीक्षण एजेंसियों, सार्वजनिक और निजी उद्योग भागीदारों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। इसे उन्होंने दुनिया की सर्वश्रेष्ठ अत्याधुनिक मिसाइल प्रणालियों में से एक करार दिया। भारतीय वायुसेना को एमआरएसएएम प्रणाली सौंपने के साथ, हमने अपने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना के अनुसार ‘आत्मनिर्भर भारत’ हासिल करने की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। यह वायु-रक्षा-प्रणाली में गेम चेंजर साबित होगा।
मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड
राजनाथ सिंह ने ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और विकास के माध्यम से तकनीकी आधार को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने प्रौद्योगिकी भागीदारों और मित्र देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग ने इस दृष्टि को साकार करने की दिशा में तेजी से प्रगति की है। एमआरएसएएम का विकास इस तरह के सहयोगात्मक प्रयास का एक बड़ा उदाहरण है।

संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
भारत और इज़राइल के बीच घनिष्ठ साझेदारी का एक चमकदार उदाहरण
रक्षा मंत्री ने एमआरएसएएम प्रणाली के विकास को भारत और इज़राइल के बीच घनिष्ठ साझेदारी का एक चमकदार उदाहरण बताया। कहा- भारतीय वायुसेना को सिस्टम सौंपने से यह दशकों पुरानी दोस्ती को और अधिक ऊंचाइयों पर ले गई है। उन्होंने कहा कि इसने भारत और इज़राइल के रक्षा औद्योगिक आधार को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम के विकास में नई परीक्षण सुविधाओं और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर, राजनाथ सिंह ने कहा कि यह भविष्य में दोनों देशों के लिए गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के उत्पादन में सहायक होगा। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए निर्मित की जा रही उप-प्रणालियों को भारतीय सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच तालमेल का एक बड़ा उदाहरण बताया।

निरीक्षण करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व अन्य अधिकारी।
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