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लुधियाना11 घंटे पहले
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शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल और उनकी आलोचना करते किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बलवीर सिंह राजेवाल (बीच से दाएं)।
मोगा में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल की जनसभा के दौरान लाठीचार्ज के बाद पंजाब में बवाल खड़ा हो गया है। पुलिस ने विरोध करने वाले 200 किसानों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। दूसरी तरफ जनसभा के होस्ट सुखबीर बादल किसान नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चे की तरफ से शनिवार को बैठक का ऐलान किया है, जिसमें कोई सख्त फैसला लिया जा सकता है।
बता दें कि पिछले साल तीन नए खेती सुधार कानूनों के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन को भुनाने के लिए केंद्रीय सत्ता में शिरोमणि अकाली दल की इकलौती मंत्री हरसिमरत कौर ने इस्तीफा दे दिया था। राजनैतिक जानकारों के मुताबिक हरसिमरत कौर के इस कदम को अकाली दल के द्वारा निकट भविष्य में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार करने के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि अभी तक चुनाव का कोई अता-पता नहीं है कि कब होंगे, लेकिन इससे पहले ही अकाली दल की तरफ से चुनाव प्रचार शुरू कर दिया गया है। पार्टी के प्रधान और सांसद हरसिमरत कौर के पति सुखबीर बादल 100 दिन 100 विधानसभा क्षेत्र के प्रोग्राम तहत जनसभाएं कर रहे हैं।

मोगा में सुखबीर की जनसभा के वक्त आमने-सामने पुलिस और किसान नेता।
इसी अभियान के तहत गुरुवार को मोगा की अनाज मंडी में हुई रैली के दौरान किसानों ने विरोध कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज से हालात पर काबू पाया। यही नहीं इस दौरान ईंट-पत्थर भी चले हैं और कई किसान घायल भी हुए हैं। हालांकि एक डीएसपी और एक हवलदार को भी चोट आई हैं। इस मामले में पुलिस ने 14 किसानों को नामजद करते हुए कुल 200 के खिलाफ हत्या के प्रयास कर मामला दर्ज किया है। इसके बाद संयुक्त किसान मोर्चे के नेता भड़क गए हैं।
बलदेव सिरसा ने कहा-अकाली दल के गुंडों ने किया पथराव
हरियाणा से किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने किसान एकता मोर्चे के फेसबुक पेज से लाइव होकर कहा है कि जब मोगा में चुनावी सभा चल रही थी तो किसान सुखबीर बादल से सवाल करने आए थे, मगर अकाली दल के गुंडों ने किसानों पर पथराव किया है और पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चे ने ऐलान किया हुआ है कि भाजपा के नेताओं को कोई रैली नहीं करने देनी है और दूसरी पार्टियों के नेताओं से सवाल किए जाने हैं। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। एक तरफ जब किसान दिल्ली के बॉर्डर पर संघर्ष कर रहे हैं तो नेता पंजाब में रैलियां कर रहे हैं। किसानों के साथ होने का दिखावा भर किया जा रहा है। वह इस तरह से नेताओं को खुला छोड़ने की इजाजत नहीं दे सकते हैं। अकाली दल रैलियां करके पंजाब की भाईचारक सांझ बरबाद कर रहे हैं और भाजपा के एजेंडे को लागू कर रहे हैं।

पंजाब पुलिस और अकाली दल के खिलाफ प्रदर्शन करते किसान जत्थेबंदी के लोग।
राजेवाल बोले सुखबीर को चुनाव प्रचार की इतनी जल्दी क्यों
संयुक्त किसान मोर्चा के सीनियर नेता बलवीर सिंह राजेवाल का कहना है कि अभी चुनाव फरवरी 2022 में होने हैं तो सुखबीर सिंह बादल को इतनी जल्दी क्यों आन पड़ी है कि चुनाव प्रचार कर रहे हैं। जबकि पार्टियां चुनाव से दो माह पहले ही चुनाव शुरू करती है। जब किसान संघर्ष कर रहा है और नेताओं के प्रति उनके मन में गुस्सा है तो इस तरह के कदम नहीं उठाने चाहिएं। सुखबीर सिंह बादल को चाहिए कि जब लोग उग्र हो रहे हैं तो उन्हें यह रैलियां बंद कर देनी चाहिए। यह पंजाब में भाई को भाई से लड़ाने वाली बात होगी। उनका कहना है कि किसानों पर इस तरह से लाठीचार्ज को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसके लिए शनिवार को एक बैठक बुलाई गई है और वह इस पर सख्त एक्शन लेंगे।
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