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मुजफ्फरनगर4 घंटे पहले
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मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में महापंचायत स्थल पर मंच के सामने देर रात भी बड़ी संख्या में किसान डटे हुए हैं।
रात के 12 बजे हैं। आज मुजफ्फरनगर की सड़कें गुलजार हैं। जगह-जगह लंगर चल रहे हैं। जहां-तहां किसान डीजे पर नाच-गा रहे हैं। छोटे-छोटे समूहों में किसानों का काफिला महापंचायत स्थल की तरफ बढ़ रहा है। जीआईसी ग्राउंड के एक किलोमीटर के दायरे में मेले जैसा माहौल है। आज किसानों की आंख में नींद नहीं है। उन्हें कल की सुबह का इंतजार है। कल की महापंचायत में कुछ खास होने की उम्मीदें हैं। यहां से मिशन यूपी लांच होगा। कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ और प्रस्ताव पास होंगे।

किसानों के समूह इस तरह रात में ही महापंचायत स्थल पर पहुंच रहे हैं।
मंच स्थल पर ही रात बिताने की तैयारी
जीआईसी ग्राउंड में 100 फीट लंबे-चौड़े मंच की डी-गैलरी पूरी तरह किसानों से भरी हुई है। मंच से बार-बार डी गैलरी खाली करने की अपील हो रही है, लेकिन किसानों में इतना जोश है कि वह हटने को तैयार नहीं हैं। मैदान में तमाम जगह काफी कीचड़ और जलभराव है। इसके बावजूद वह इसी मैदान में रात गुजारना चाहते हैं। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार आदि राज्यों से पहुंच चुके किसान अपने-अपने मोबाइल से मंच और ग्राउंड की वीडियो बना रहे हैं। कोई फेसबुक लाइव कर रहा है तो कोई अपने परिजनों को वीडियो कॉल से वहां का माहौल दिखा रहा है।

महापंचायत स्थल पर रात में डटे किसान हुक्का भी गुड़गुड़ा रहे हैं।
योगेंद्र यादव बोले- इतिहास में मील का पत्थर बनेगी यह महापंचायत
वरिष्ठ किसान नेता योगेंद्र यादव रात में ही मंच पर जायजा लेने पहुंचे हुए हैं। बातचीत में उन्होंने कहा, यह महापंचायत भारत के किसान आंदोलन के इतिहास में एक मील का पत्थर बनने वाली है। इस महापंचायत में आने वाले राष्ट्रीय स्तर पर किसान आंदोलनों की घोषणा होगी। यहां से मिशन उत्तर प्रदेश का शुभारंभ किया जा रहा है। जिस मुजफ्फरनगर से दंगों की राजनीति से रोटियां सेकने की शुरुआत हुई थी, उसी मुजफ्फरनगर से उस आग को बुझाने की शुरुआत होगी। वो तोड़ेंगे, हम जोड़ेंगे।
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