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हिसारएक घंटा पहले
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हरियाणा में अगस्त के मध्य मानसून ब्रेक के बावजूद रीजन में दिल्ली के बाद हरियाणा में ही औसत से ज्यादा बारिश हुई है। पूरे राज्य में इस सीजन में अब तक 473MM बारिश हो चुकी है। यह सामान्य 402 MM से 18% अधिक है। वहीं हिमाचल, पंजाब, चंडीगढ़ और जम्मू में अभी भी औसत से कम बारिश हुई। इस बीच मौसम विभाग ने हरियाणा में अभी तीन दिन और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
प्रदेश के 6 जिले ऐसे हैं जहां औसत से दोगुनी और 6 जिलो में औसत से कम बारिश हुई। अब तक झज्जर, सोनीपत और नूंह जिले में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई। सिरसा, भिवानी और पंचकूला में सबसे कम बारिश दर्ज की गई।




दिल्ली पहले नंबर पर, जम्मू की स्थिति सबसे खराब
उत्तरी एरिया में इस बार हरियाणा और दिल्ली पर मानसून सबसे ज्यादा मेहरबान रहा। दिल्ली में जहां औसतन से सबसे ज्यादा बारिश हुई, वहीं हरियाणा अभी तक उत्तरी राज्यों में बारिश में दूसरे नंबर रहा। दिल्ली में सामान्य से सबसे ज्यादा 26% अधिक बारिश दर्ज की गई। यहां सामान्य बारिश 535MM के मुकाबले 677MM बारिश हो चुकी है। इसके बाद हरियाणा में सामान्य से 18% अधिक बारिश हुई। वहीं उत्तराखंड में औसत 1078MM के मुकाबले 4% कम 1039MM बारिश हुई है। पंजाब में अब तक सामान्य 428MM से 18 प्रतिशत कम 349MM बारिश हुई है। हिमाचल में 579MM बारिश हुई जो सामान्य 700MM से 17% कम है। रीजन में सबसे ज्यादा खराब स्थिति जम्मू की है। जम्मू में अब तक 358MM बारिश हुई, जो औसत 510MM से 30% कम है। जम्मू की स्थिति राजस्थान से खराब है। राजस्थान में अब तक औसत 390MM के मुकाबले 3% कम 379MM बारिश दर्ज की जा चुकी है।
हिमाचल में बर्फबारी का दौर शुरू
हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। जनजातीय जिला लाहौल स्पीति की तमाम ऊंची चोटियों पर शनिवार को हल्का हिमपात हुआ। मनाली-लेह मार्ग पर बारालाचा तंगलंगला दर्रा समेत अन्य तमाम ऊंचे दर्रों पर बर्फबारी हुई। फिलहाल मनाली-लेह मार्ग पर वाहनों की आवाजाही जारी है। लेकिन बर्फबारी बढ़ने से इस मार्ग पर आवाजाही जोखिम भरी हो जाती है। प्रदेश के लाहौल स्पीति, कुल्लू, शिमला, सोलन, कांगड़ा में बारिश का दौर जारी है। कई जिलों में बारिश को लेकर चेतावनी जारी की गई है।

लेह-दिल्ली रूट पर जा रही बस को बीच में रोककर बर्फबारी का लुत्फ उठाते पर्यटक।
धान को फायदा, कपास को नुकसान
लगातार हो रही बारिश से धान के एरिया में फायदा हुआ है। कॉटन बेल्ट में हो रही बारिश के कारण नुकसान का अंदेशा बढ़ गया है। तीन दिन से लगातार नमी वाला मौसम और धूप नहीं निकलने के कारण कपास के पौधों में गलन शुरू हो गई है। कपास के टिंडे भी खराब होने शुरू हो गए हैं। तेज हवा के साथ बारिश होने से कई जगह कपास की फसल खेतों में बिछ गई।
14 सितंबर तक बदलता रहेगा मौसम
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन कीचड़ ने बताया कि मानसूनी टर्फ रेखा अभी भी सक्रिय है। इस कारण 14 सितंबर तक मौसम बदलता रहेगा। इसलिए हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। दिन और रात के तापमान में गिरावट आ सकती है।
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