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फरीदाबाद3 घंटे पहले
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जवाई कॉलोनी के लोगों के बीच पहुंचे कांग्रेस नेता विजय प्रताप
- कॉलोनी को उजाड़ऩे से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की गई। लोगों ने कहा प्रशासन पहले कॉलोनी की पैमाइश कराए, क्योंकि कॉलोनी का ज़्यादातर हिस्सा बड़खल गांव का ग़ैर मुमकिन पहाड़ है।
जवाई कॉलोनी को किसी भी कीमत पर टूटने नहीं दिया जाएगा। यहां के हजारों लोगों की लड़ाई कोर्ट तक लड़ी जाएगी। यह आश्वासन हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री चौ. महेंद्र प्रताप सिंह के पुत्र कांग्रेसी नेता विजय प्रताप ने दिया। कॉलोनी को तोड़ने की तैयारियों के खिलाफ यहां लोगों की ओर से आयोजित महापंचायत में कांग्रेस नेता ने हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।
उजाडऩे से पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए
उन्होंने सरकार से लोगों को उजाडऩे से पहले पुनर्वास की व्यवस्था करने की मांग की। उन्होंने कहा प्रशासन पहले कॉलोनी की पैमाइश कराए, क्योंकि कॉलोनी का ज़्यादातर हिस्सा बड़खल गांव का ग़ैर मुमकिन पहाड़ है। इस पर हाईकोर्ट ने गांव वालों के पक्ष में स्टे ऑर्डर किया हुआ है। इससे पहले कार्रवाई होती है तो यह कोर्ट की अवमानना होगी। उन्होंने कहाकि सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाएगी की यह वन विभाग की ज़मीन नहीं है। इसके बावजूद सरकार यहां के लोगों के मकान उजाड़ रही है। उन्होंने इसके लिए 11 लोगों की एक कमेटी बनाने की बात कॉलोनीवासियों से की। सुप्रीम कोर्ट में जो भी खर्च केस पर आएगा। उसका वे स्वयं वहन करेंगे। उन्होंने कहा जल्द ही कॉलोनीवासियों का एक डेलीगेशन सरकार से मिलकर तोड़फोड़ की कार्रवाई से पहले पैमाइश कराने की मांग करेगा। विजय प्रताप ने कहा कि आसपास के गांव पहाड़ों में बसे हुए हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को यह देखना ज़रूरी है कि पहाड़ में आने वाले गांव के लोगों के पास तो मिल्कियत में पहाड़ ही आएंगे। खेती की ज़मीन तो इन गांवों के पास और गांवों के मुक़ाबले 10 प्रतिशत ही है तो ये लोग कहां जाएं। कैसे जीवन यापन करें। अब तो उन्हें रहने भी नहीं दिया जा रहा। क्या सुप्रीम कोर्ट हिमाचल, उत्तराखंड जैसे पहाड़ वाले राज्यों के साथ भी ऐसा दृष्टिकोण रख सकता है। अगर नहीं तो इन गांवों का क्या क़सूर है।
शांतिपूर्वक प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करेंगे
उन्होंने कहाकि नगर निगम की ज़मीन पर जो ग़रीबों के मकान हैं पहले से तय नीति है और सुप्रीम कोर्ट तक ने यह कहा है कि पहले उन्हें पुनर्वास दो फिर हटाओ। इसलिए सरकार को अपनी कार्रवाई रोककर पुनर्वास की नीति पर ज़ोर देना चाहिए। उन्होंने कहा यहां रह रहे लोगों का केस मैं स्वयं लड़ूंगा और शांतिपूर्ण तरीके से प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया जाएगा। उन्होंने लोगों से एकजुट रहने और शांति व्यवस्था कायम रखने की बात कही। सुप्रीम कोर्ट कई बार कह चुका है कि गरीबों को उजाड़ने से पहले बिजली, पानी एवं मकान दिए जाएं और यही मांग प्रशासन से कर रहे हैं। उन्होंने कहा किसी को भी अपना मकान खाली करने की जरूरत नहीं है और सभी संगठित रहें।
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