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सीकर36 मिनट पहले
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दैनिक भास्कर में लगातार अवैध खनन की खबरें प्रकाशित होने के बाद जिले के संबंधित अधिकारियों की नींद खुल गई है। सीकर से लेकर जयपुर तक खनन विभाग में हड़कंप मचा गया। भास्कर के खुलासे के बाद माइंस विभाग ने सीकर जिले में आयरन ओवर के 37 स्टाकिस्टों को डी-एक्टिवेट (लाइसेंस निष्क्रिय) कर दिया। जांच में जिले में आयरन के कुल 23 एवं नीमकाथाना में उपखंड में 14 स्टाकिस्टों के यहां अनियमितताएं मिली थीं।
लौह अयस्क की तस्करी के मामले में भी आयरन स्टाकिस्टों की बड़ी भूमिका सामने आई है। स्टाकिस्टों ने टीपी के जरिए लौह अयस्क दूसरे प्रदेशों में भेज दिए। वहीं माइंस विभाग ने पावटा (जयपुर) में दो तुला यंत्रों को भी सीज किया है। माइंस विभाग ने अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की हैं।
माइनिंग इंजीनियर (सर्तकर्ता) प्रमोद कुमार ने बताया कि नीमकाथाना में आयरन ओवर के 24 स्टॉकिस्ट रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 14 एक्टिव स्टाकिस्टों की जांच की गई। जिनके यहां अनियमितताएं मिली हैं। माइंस विभाग ने सभी 14 स्टाकिस्टों को निष्क्रिय कर दिया है। रात्रिकालीन गश्त में अवैध खनिज व बजरी परिवहन पर भी विशेष नजर रखी जा रही है।
ऐसे समझे लौह अयस्क तस्करी में स्टाकिस्टों की भूमिका
लादीकाबास व कालीखेड़ा की पहाड़ी में वन व सरकारी भूमि से आयरन ओवर पत्थर निकालने के बाद ट्रैक्टरों से एक जगह स्टॉक किया जाता है। तस्करी से जुड़े लोग किसी दूसरी जगह की खदान से रवन्ना का प्रबंध करते हैं। रवन्ना से अवैध लौह अयस्क को वैध बना कर स्टाकिस्टों को टीपी के जरिए भेज दिया जाता है।
स्टॉकिस्ट लौह अयस्क को ट्रेलरों में भरकर टीपी के जरिए गुजरात सप्लाई करते थे। स्टॉकिस्ट गुजरात के कारोबारी से वापस अपने नाम टीपी लेते हैं। जिससे स्टॉक में लौह अयस्क वापस आ जाता है। जबकि हकीकत में ट्रेलर में भेजा गया लौह अयस्क गुजरात में खाली हो जाता है। यह खेल लंबे समय से चल रहा था। दस्तावेजों में हेराफेरी से लौह अयस्क की तस्करी का खेल चला रहा था।
क्या है माइंस विभाग में आयरन ओवर की स्टॉकिस्ट योजना
माइंस विभाग में आयरन ओवर के स्टॉकिस्ट योजना है। स्टॉकिस्ट के लिए जिला उद्योग केंद्र में आवेदन करना होता है। रजिस्ट्रेशन के बाद माइंस विभाग में एसएसओ आईडी से मंजूरी लेनी होती है। उसके बाद व्यक्ति आयरन ओवर स्टॉकिस्ट बन जाता है। लंबे समय से सीकर व नीमकाथाना में काम कर रहे आयरन ओवर के स्टाकिस्टों की जांच तक नहीं हुई। इसका फायदा उठाकर कुछ स्टाकिस्टों ने लौह अयस्क की तस्करी शुरू कर दी।
उपखंड स्तरीय समिति की बैठक में सख्ती के निर्देश
कलेक्टर के निर्देश पर गठित उपखंड स्तरीय समिति की बैठक गुरुवार को एसडीएम बृजेश कुमार की अध्यक्षता में हुई। इसमें माइंस, वन, पुलिस एवं रेवन्यू विभाग के अधिकारी शामिल हुए। टीम ने अवैध खनन, परिवहन एवं भंडारण के मामलों में सख्ती से कार्रवाई का प्लान तैयार किया। टीम जल्द ही क्षेत्र में कार्रवाई करेगी। लेकिन खान विभाग अभी भी जानकारी छुपाने में लगा है।
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