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लखनऊ16 मिनट पहले
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सीतापुर से भाजपा विधायक राकेश राठौर ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से लखनऊ में की मुलाकात की। वहीं, मेरठ में कांग्रेस पार्टी को छोड़ गए रमेश धींगड़ा।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में लगी हुई हैं। एक तरफ यूपी फतह करने के लिए सभी दल व्यूह रचना में जुटे हैं। दूसरी तरफ भाजपा के सीतापुर से विधायक राकेश राठौर ने रविवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की। हालांकि, उन्होंने अपनी इस मुलाकात को व्यक्तिगत ही बताया है। उनका कहना है कि पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है।
उधर, मेरठ में 4 बार कैंट विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके रमेश धींगड़ा ने पार्टी छोड़ दी है। उनका कहना है कि अब पार्टी में कैद का अहसास होता है। 2 साल से कांग्रेस छोड़ने का मन बना रहा था। हालात बदलेंगे यह सोचकर रुका था। मगर आज पार्टी छोड़ रहा हूं।
भाजपा MLA की अखिलेश से व्यक्तिगत मुलाकात…कहीं दलबदल न बन जाए
चुनाव 2022 के सिर्फ 6 महीने ही बचे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों में उठापटक व दलबदल का सिलसिला शुरू हो चुका है। इस बीच भाजपा विधायक राकेश राठौर का सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश से मिलना राजनीतिक गलियारों में एक बड़े कदम की ओर इशारा करता है।
योगी-मोदी कर रहे बहुत अच्छा काम
उधर, मेरठ के पॉश बाजार आबूलेन में राजमहल होटल के मालिक रमेश पार्टी छोड़ते हुए कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार में बहुत अच्छा काम हो रहा है। मोदी, योगीजी दोनों ने देश का विकास किया है। यूपी में आज कानून व्यवस्था बेलगाम नहीं हैं। पहले हमें कारोबार चलाना मुश्किल था। धमकी मिलती थी कि कारोबार बंद करा देंगे, आज वो हाल नहीं हैं। योगी, मोदी किसानों, महिलाओं, कारोबारियों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। आज हम सुरक्षित महसूस करते हैं। धारा 370 को हटाने का विचार कभी कांग्रेस ने नहीं किया। जो देशहित में नहीं सोचते वो गद्दार हैं।
मेरठ नहीं यूपी में कांग्रेस को पंजाबी वोटों का बड़ा झटका
- पंजाबी संगठन उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष रमेश धींगड़ा के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा। मेरठ में डेढ़ लाख पंजाबी वोटर हैं। अकेले कैंट में 50 हजार पंजाबी मतदाता हैं। पूरी पंजाबी बिरादरी में रमेश धींगड़ा की अच्छी पकड़ है। समाज के लोगों में धींगड़ा का मजबूत जनाधार है। रमेश के जाने से ये वोटर भी कांग्रेस से छिटकेगा।
- पंजाबी समाज के कई बड़े चेहरों ने रमेश के पार्टी छोड़ते ही कांग्रेस को वोट न देने का ऐलान कर दिया है। इसका खामियाजा कांगेस को 2022 के चुनाव में भुगतना पड़ेगा। वहीं, भाजपा को इसका फायदा मिलेगा।
- पंजाबी संगठन यूपी के चीफ पैटर्न दर्शन लाल मक्कड़ ने कहा कि हमने मिलकर तय किया है कि हम कांग्रेस को वोट नहीं देंगे। पूरे देश में 30 प्रतिशत पंजाबी हैं लेकिन हम रमेश धींगड़ा के कारण कांग्रेस के साथ थे। अब वो मतदाता खफा है। इसलिए हम कांग्रेस को वोट नहीं देंगे।
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