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- SAD Is Trying To Compensate For The Loss Caused By The Sacrilege Scandal, So Far The Names Of 25 Candidates Have Been Announced, 19 From Agro based Circles Of Malwa, For The First Time, Two Old Faces
लुधियानाएक घंटा पहलेलेखक: दिलबाग दानिश
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पंजाब में विधानसभा चुनाव को अभी वक्त है और इसके लिए बरसों सत्ता में बैठने के बाद विपक्ष लायक भी नहीं रहे शिरोमणि अकाली दल ने सबसे पहले तैयारी शुरू कर दी है। पवित्र धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी से हुए नुकसान की भरपाई खेती कानूनों को भुनाकर की जाएगी। पूरा फोकस प्रदेश के खेती आधारित विधानसभा हलकों पर है। यही वजह है कि बीते कुछ दिनों में पार्टी की तरफ 25 चेहरों को सामने लाकर चुनावी रण के लिए जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। इन 25 में से 19 अकेले मालवा से हैं, वहीं एक और खास बात यह भी है कि दो ऐसे बड़े चेहरे भी हैं, जो पार्टी के पुराने वफादार है, मगर पहली बार तराजू के निशान पर चुनाव लड़ने का मौका पाने वाले हैं।
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल NDA के घटक दल के रूप में प्रदेश और देश की राजनीति में भागीदारी निभाता आया है। प्रदेश में सबसे बड़ा क्षेत्रीय दल होने और पंथक राजनीति कर रहे होने के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव में इसे बहुत नुकसान उठाना पड़ा। नतीजा यह रहा कि दशकभर की सत्ता में लगातार रहा शिअद विपक्ष की कुर्सी भी नहीं बचा पाया। जहां तक इस नुकसान के पीछे की वजह है, शिअद को अपने कार्यकाल में प्रदेश में हुई गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाएं इसके लिए जिम्मेदार रही। राजनैतिक जानकारों की मानें तो शिअद की राजनीति एक तरह से खत्म ही हो चुकी है, जिसे खेती कानूनों के विरोध ने उम्मीद की किरण के रूप मं सहारा दे डाला। इन कानूनों को लेकर जब सालभर से भाजपा का देशभर में विरोध हो रहा है तो इसी बीच पार्टी की इकलौती केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मंत्री पद छोड़कर किसानों की संवेदनाएं जीतने की कोशिश की। इसी आधार पर शिअद ने अब चुनावी रण की तैयारी शुरू कर दी है।

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल।
बता दें कि शिअद के प्रधान सुखबीर बादल ने कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में ऐलान के बाद ‘गल पंजाब दी’ शीर्षक से 100 दिन में प्रदेश के 100 हलकों में जनसभाएं करके कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की कमियां गिनाने का अभियान शुरू किया। अपने इस अभियान के दौरान सुखबीर बादल 25 बड़े नेताओं को पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सामने ला चुके हैं। इनमें से ज्यादातर मालवा के उन क्षेत्रों की हैं, जहां पिछली बार मात खानी पड़ी थी। टिकट पाने वाले दो चेहरे ऐसे भी हैं, जो नेता तो काफी पुराने हैं, मगर चुनाव पहली बार अकाली दल के चुनाव चिह्न तकड़ी पर लडेंगे। असल में पार्टी अध्यक्ष यह पता लगाना चाहते हैं कि लोगों के बीच पार्टी के प्रति कितना गुस्सा और स्नेह है। कहां पर कितना जोर लगाने की जरूरत है। पहले ऐसा नहीं होता था। लोगों के व्यवहार का पता पार्टी को पहले से रहता था, मगर आम आदमी पार्टी के चुनाव मैदान में आने के बाद से काफी कुछ बदला है और सबसे बड़ा बदलाव लोगों के नेताओं से मिलने में आया है।
किस विधानसभा हलके से किसका नाम आया सामने
क्रम संख्या | विधानसभा सीट | शिअद उम्मीदवार का नाम |
1 | जलालाबाद | सुखबीर सिंह बादल |
2 | खेमकण | प्रो. विरसा सिंह वलटोहा |
3 | अटारी | गुलजार सिंह रणीके |
4 | अजनाला | अमरपाल सिंह बोनी |
5 | डेरा बस्सी | एनके शर्मा |
6 | जीरा | जनमेजा सिंह सेखों |
7 | अमृतसर नॉर्थ | अनिल जोशी |
8 | सुजानपुर | राजकुमार गुप्ता |
9 | गुरुहरसहाय | वरदेव सिंह मान |
10 | मलोट | हरप्रीत सिंह कोटभाई |
11 | गिद्दड़बाहा | हरदीप सिंह डिंपी |
12 | बाघापुराना | तीर्थ सिंह माहला |
13 | रामपुरा फूल | सिकंदर सिंह मलूका |
14 | बठिंडा देहात | प्रकाश सिंह भट्टी |
15 | भुच्चो | दर्शन सिंह कोटफत्ता |
16 | समराला | परमजीत सिंह ढिल्लों |
17 | मौड़ मंडी | जगमीत सिंह बराड़ |
18 | तलवंडी साबो | जीत महिंदर सिंह सिद्धू |
19 | कोटकपूरा | मनतार सिंह बराड़ |
20 | फरीदकोट | परमबंस सिंह बंटी रोमाणा |
21 | जैतों | सूबा सिंह बादल |
22 | मुक्तसर | कंवरजीत सिंह बरकंदी |
23 | साहनेवाल | शरणजीत सिंह ढिल्लों |
24 | मोगा | बरजिंदर सिंह बराड़ |
25 | धर्मकोट | जत्थेदार तोता सिंह |
किसान नेता बोले-आंदोलन में सेंध के प्रयास में हैं सुखबीर
किसान नेता भी पिछले कुछ समय से यही आरोप लगा रहे हैं कि सुखबीर सिंह बादल द्वारा की जा रही जनसभाएं किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन में सेंध लगाने का प्रयास है। किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल और रजिंदरसिंह दीप सिंह वाला कहते हैं कि अकाली दल ने जिस तरह से किसान विरोधी भाजपा के साथ मिलकर कानून लागू करवाए हैं, उससे किसान भलीभांति जानकारी रखते हैं। अब वह सेंधमारी करने में लगे हुए हैं। यही कारण है कि सुखबीर सिंह बादल ने चुनाव से लगभग 6 महीने पहले सक्रिय हुए हैं। वह टिकट बांटने के साथ-साथ पंजाब की भाईचारक सांझ तोड़ रहे हैं।
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