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- Contractor Brought From Madhya Pradesh To Banswara To Wash Stones, Broke Stones Here, Sweated Blood For 15 Days, Now The Contractor Disappeared Without Paying
बांसवाड़ा41 मिनट पहले
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सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय के सामने भारत माता मंदिर ग्राउंड पर जुटे मध्यप्रदेश के मजदूर।
मध्यप्रदेश से मजदूरी करने आए 55 मजदूर परिवार सहित यहां बांसवाड़ा में फंस गए हैं। उनके पास वापस घर लौटने का पैसा नहीं है, जो ठेकेदार उन्हें यहां लेकर आया था। वह भी लापता हो चुका है। अब मजबूर हुए मजदूर यहां जिला कलेक्टर, एसपी, सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। बेबसी बताते हुए मजदूर अधिकारियों से उन्हें जैसे-तैसे घर पहुंचाने की गुहार कर रहे हैं, लेकिन किसी भी स्तर पर देर शाम तक मजदूरों के सहयोग का आश्वासन नहीं मिला। भूखे-प्यासे मजदूर परिवार के साथ यहां भारत माता मंदिर के मैदान में बैठे हुए हैं। उनके पास शाम की रोटी का जुगाड़ भी नहीं है। कुछ के साथ तो छोटे बच्चे भी हैं।
मामला शुक्रवार शाम 5 बजे करीब तब सामने आया, जब बड़ी संख्या में मजदूर यहां सहायक श्रम आयुक्त कार्यालय के बाहर जमा हुए। पता चला कि सारे मजदूर मध्यप्रदेश के विदिषा और गुना जिलों से वास्ता रखते हैं। आमासैर, तहसील छाछौड़ा जिला गुना निवासी ठेकेदार कालूलाल भील करीब 15 दिन पहले बालिकाओं, महिलाओं, युवाओं और व्यस्क मजदूरों को लेकर यहां बांसवाड़ा के गराड़िया, संग्रामपुरा तहसील बागीदौरा में छोड़ गया था। पत्थर धुलाई की मजदूरी बताकर मजदूरों को बांसवाड़ा लेकर आए ठेकेदार ने उनसे पत्थर (क्वार्टज) तुड़वाए। अब जब पैसे देने की बारी आई तो ठेकेदार ने उन्हें धोखा दे दिया। हिसाब करने की बजाए मजदूरी के लिए दिलाए गए घन, हथौड़ा एवं राशन के नाम से उनके पैसे काट लिया। उल्टा ठेकेदार ने उसके खुद के पैसे बकाया बताते हुए इन मजदूरों से गाली गलौच की। अब यह मजदूर जिला प्रशासन से न्याय की उम्मीद कर रहे हैं।
मजदूरों को मंदिर में रखा
मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार 27 अगस्त को उन्हें साथ लाया था। उसने प्रतिदिन के हिसाब से 350 रुपए मजदूरी तय की थी। यहां लाकर उसने गराड़िया स्थित एक मंदिर परिसर में सभी को छोड़ दिया। कोई 15 किलोग्राम आटे की बोरी और कुछ राशन का सामान दिलाया। अब राशन खत्म हो चुका है। लोगों ने ठेकेदार से हिसाब करने को कहा। जवाब में कमल गुरुवार सुबह आया। आते ही उसने मजदूरों के साथ गाली गलौच की। मजदूरी देने की बजाय उल्टा हिसाब निकालकर बैठ गया। उसने मजदूरों को जान से मारने की धमकी भी दी। उनका आरोप है कि ठेकेदार ने मोबाइल बंद कर दिया है।

सहायक श्रम आयुक्त कुलदीप सिंह से पीड़ा व्यक्त करता मजदूर प्रतिनिधि मंडल।
जीप वाले के 26 हजार
ठेकेदार से केवल मजदूर ही तंग नहीं हैं। वह मजदूरों को एक जीप में लेकर यहां आया था। कमल ने अब तक जीप वाले को भी एक रुपया नहीं दिया है। जीप चालक के करीब 26 हजार रुपए बन रहे हैं। आते समय मजदूरों ने खुद की गांठ का रुपया लगाकर जीप में डीजल डला दिया था, लेकिन अब जीप को वापस गंतव्य तक पहुंचाने के लिए किसी मजदूर के पास रुपए नहीं है। अब जीप चालक भी मजदूरों के साथ लोगों से अपील कर रहा है।
ठेकेदार से संपर्क के प्रयास
मामले में सहायक श्रम आयुक्त कुलदीपसिंह ने बताया कि मजदूरों की पीड़ा सुनी है। अभी शाम को ही मामला सामने आया है। मेरी ओर से ठेकेदार कालूलाल को निरंतर फोन लगाकर संपर्क के प्रयास हो रहे हैं। लेकिन, फोन स्वीच ऑफ है। मेरी तरफ से जो भी मदद होगी मैं कर सकता हूं। लेकिन, मजदूरों को रहने, खाने और किराए की व्यवस्था करना उनके हाथ में नहीं है।
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