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अमृतसर2 घंटे पहले
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उम्र के बढ़ने के साथ-साथ इंसानी शरीर में बदलाव होते रहते हैं। और अगर व्यक्ति 30 साल से ऊपर उम्र की तरफ बढ़ता है तो हड्डियों के मामले में उसे सावधानी बरतनी चाहिए। खानपान और बिगड़ी जीवनशैली के चलते हड्डियों पर अधिक प्रभाव पड़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस (खुरने) की समस्या पैदा होने लगती है और फिर टूटने लगती हैं। जलियांवाला बाग मेमोरियल सिविल अस्पताल में लगाए गए हड्डियों के रोगों संबंधी फ्री मेडिकल कैंप में 60 लोगों का चेकअप किया गया। मेडिकल कैंप का उद्घाटन अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर डॉ. चंद्र मोहन, हेल्थ इंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन के चेयरमैन पं. राकेश शर्मा ने किया।
30 की उम्र के बाद कैल्सियम खुरने लगता है
डॉ. सुनील कुमार महाजन ने बताया कि स्वेच्छा से यह कैंप लगाया है। उन्होंने बताया कि कैंप में 30 से 80 साल उम्र वालों को चेक किया गया। इसमें से 20 अर्थात 33% की स्थिति ठीक रही है। इसके अलावा 36 लोग (60%) एेसे रहे हैं जिनकी हड्डियों में कमजोरी के लक्षण दिखे हैं। कमजोरी के चलते हड्डियों का कैल्सियम धीरे-धीरे खुरने (घुलने) लगता है और पेशाब के रास्ते बाहर निकलता है।
हड्डियां पूरी तरह से खुरकर कमजोर होती हैं और जरा से से टूट जाती हैं। कैंप में 7 यानी 4% लोग एेसे रहे जिनकी हड्डियां कमजोर हो गई थीं। डॉ. महाजन ने बताया कि हड्डियां शरीर की बनावट बनाए रखने के साथ-साथ मांसपेशियों को भी सही रखती हैं और कई अंगों की रक्षा भी करती हैं। इसलिए हड्डियों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। 30 साल के बाद ज्यादातर लोगों का बोन मास (घनत्व) कम होता है और हड्डियां कमजोर होती हैं। हड्डियां कमजोर होने पर फ्रैक्चर का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
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