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- Game Of Profit Continues On False Affidavit In ESI Basai Darapur, Is Getting Annual Increment Even After Being On Leave
नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: शेखर घोष
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इस बार बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. ज्योति बाग्ला के साथ डीन डॉक्टर पास्कल डिसूजा की सांठगांठ का मामला सामने आया है।
कर्मचारी बीमा आयोग (ईएसआई) पीजीआई बसई दारापुर के बाल रोग विभाग में अनियमितताएं जारी हैं। ईएसआई पीजीआई बसई दारापुर में बाल रोग विभाग में फिर से झूठा शपथ पत्र दायर कर लाभ प्राप्त करने के प्रयास का मामला सामने आया है। इस बार बाल रोग विभागाध्यक्ष डा. ज्योति बाग्ला के साथ डीन डॉक्टर पास्कल डिसूजा की सांठगांठ का मामला सामने आया है।
ईएसआई पीजीआई बाल रोग विभाग बसई दारापुर के विभागाध्यक्ष डॉ. ज्योति बाग्ला फिर से प्रशासनिक एवं वित्तीय अनियमितताओं की वजह से विवादों के घेरे में आ गई हैं। इस बार डॉ. ज्योति बाग्ला ने चाइल्ड केयर लीव पर होने के बाद भी सालाना इंक्रीमेंट का लाभ लेने हेतु 1 जुलाई 2021 को अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद होने का झूठा शपथ पत्र डीन कार्यालय को जमा किया। जिसे ईएसआई पीजीआई के डीन डॉ पास्कल डिसूजा ने स्वीकृति प्रदान कर दिया।
वित्त विभाग ने पकड़ी अनियमितता तो मामले को दबाया
मामले का खुलासा तब हुआ जब अस्पताल की वित्त विभाग ने डा. बाग्ला को चाइल्ड केयर लीव पर होने के बाद भी सालाना इंक्रीमेंट का लाभ देने पर आपत्ति उठाई। वित्त विभाग के कड़े आपत्ति के बाद डॉक्टर ज्योति बाग्ला और प्रोफेसर पास्कल डिसूजा ने इस मामले को दबा दिया। ईएसआई के सतर्कता शाखा के एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि इस मामले में डा. ज्योति बाग्ला द्वारा दिए गए झूठे शपथ पत्र को स्वीकृति स्वयं डॉ. पास्कल डिसूजा ने की है इसलिए इस मामले में दोनों ही डॉक्टर सीधे-सीधे प्रशासकीय अनियमितता के दोषी बन गए हैं।
अन्य मामले में भी डा. बाग्ला ने एकेडमी लीव की दी थी अनुशंसा
ईएसआई डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. मुजफ्फर ने बताया कि बाल रोग विभाग अध्यक्षा डॉ. ज्योति बाग्ला ने संविदा पर नियुक्त प्रोफेसर एपी दुबे को नियमों को ताक पर रखकर एकेडमी लीव की अनुशंसा दी थी। प्रोफेसर एपी दुबे ने वर्ष 2018- 2020 में 45 दिन से अधिक की एकेडमिक लीव ली थी। डा. दुबे के लीव को डा. बाग्ला की अनुशंसा के बाद ईएसआई पीजीआई के डीन ने डा. दुबे को एकेडमिक लीव स्वीकृत कर दी। जबकि ईएसआईसी मुख्यालय के नियम के विरुद्ध संविदा पर तैनात प्रोफेसर को एकेडमिक लीव दी गई, गौर तलब है की डा. दुबे के छुट्टियों की वजह से निगम को तकरीबन डेढ़ से दो लाख रुपए का नुकसान पहुंचा है।
एडवाइजरी: आगे से इस तरह का लाभ लेने की प्रयास नहीं करे
जांच में पता चला कि डाॅ. ज्योति को लीव के समय कुछ कार्य से बुलाया गया था। इसे लेकर डॉ. ज्योति बाग्ला द्वारा चाइल्ड केयर लीव पर होने के बाद भी सालाना इंक्रीमेंट का लाभ लेने हेतु डा. ज्योति ने ड्यूटी पर मौजूद होने का झूठा शपथ पत्र दाखिल कर फार्म भर दिया। इस मामले में डाॅ. ज्योति बाग्ला को एडवाइजरी जारी की गई है कि आगे से इस तरह का लाभ लेने की प्रयास नहीं करे, अन्यथा भविष्य में इस तरह का मामला सामने आने के बाद नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
-डाॅ. पास्कल डीसूजा, डीन, बसई दारापुर अस्पताल
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