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फरीदाबाद42 मिनट पहले
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सुरजकुंड थाना का फाइट फोटो।
सरकारी जमीन पर कब्जा होने देने में वन विभाग ने किस तरह लापरवाही बरती है, इसका नया मामला सामने आया है। कब्जाधारी जमीन कब्जाते रहे और अधिकारी सोते रहे। खोरी कॉलाेनी में तोड़फोड़ के बाद जब सुप्रीम कोर्ट का चाबुक चला तब वन विभाग के अधिकारी नींद से जागे और आठ महीने बाद जमीन कब्जाने वाले के खिलाफ केस दर्ज कराया।
वन राजिक अधिकारी की ओर से सूरजकुंड में दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि वन दरोगा बुधराम और वन रक्षक नवीन कुमार 24 दिसंबर 2020 को गांव अनंगपुर में गश्त कर रहे थे। तब उन्होंने देखा कि अनंगपुर पीएलपीए एक्ट 1900 की धारा 4 व 5 के अधिसूचित वनक्षेत्र के खसरा नंंबर 54, 55, 56 में पेड पौधे काटे गए हैं। वहां अवैध खनन कर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा है। कब्जा करने वाले लोग माईनिंग करके 1906 स्क्वायर मीटर वन भूमि को समतल कर रखा था। मानव रचना टी प्वॉइंट से पाली क्रेशर जोन को जाने वाली सड़क से फार्म हाउस तक मलबा डालकर अवैध तरीके से रास्ता बनवाया है। मौके पर पलवल के गांव जलालपुर निवासी मुबीन लगभग 25 से 30 लेबर लगाकर पुराने बने हुए फार्म हाउस में टीन शैड लगाने की फाउन्डेशन भरे जा रहे थे। फार्म हाउस में जगह-2 पर मैरिज हाउस तैयार करने के मकसद से स्टेज तथा टॉयलेट बनाई जा रही थी। काम रुकवाने पर मुबीन ने अनखीर निवासी मिसली खान से फोन पर बात कराई। मिसली खान ने कहा कि तुम हमारे फार्म हाउस में क्यों आए हो। यह हमारी जमीन है। हम जो चाहे करें। तुम दुबारा यहं नहीं दिखने चाहिए। अब आठ महीने बाद वन अधिकारी ने मिसली खान के खिलाफ के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कराया है।
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