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- Angry Teachers Opened Front Over Non implementation Of Seventh Pay Commission In Chandigarh, CM’s OSD Gave Assurance With Memorandum
चंडीगढ़एक घंटा पहले
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गुस्साए शिक्षकों ने सेक्टर-25 म�
चंडीगढ़ के सेक्टर-25 रैली ग्राउंड में शुक्रवार को पंजाब सरकार के खिलाफ शिक्षकों ने सातवें पे कमीशन को लागू नहीं किए जाने पर मोर्चा खोल दिया। पंजाब सरकार के खिलाफ इस आंदोलन में पंजाब की सभी यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड कॉलेज भी शामिल हैं। जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (पुटा) के अलावा ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन (एआइएफयूसीटीओ) और पंजाब फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स आर्गेनाइजेशन भी पंजाब सरकार से सातवें पे कमीशन के लागू करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। सैकड़ो की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने जब रैली ग्राउंड से सीएम आवास की तरफ बढ़ना शुरू किया तो पुलिस की भारी बल ने सभी शिक्षकों को वहीं पर रोक दिया। मामला बढ़ता देख पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के ओएसडी ने रैली ग्राउंड में आकर शिक्षकों का ज्ञापन लेते हुए अश्वासन दिया कि उनकी मांगों को जल्द पूरी की जाएगा। बता दें कि शुक्रवार को सेक्टर-25 स्थित रैली ग्राउंड में चंडीगढ़ के साथ ही पंजाब के विभिन्न कॉलेजों से सैकड़ों शिक्षक अपनी मांगों के लिए एकजुट हुए थे। पुटा प्रेसिडेंट डॉ मृत्युंजय कुमार और पीफैक्टो सेक्रेटरी डॉ. जगवंत सिंह सहित विभिन्न एसोसिएशन के पदाधिकारी भी इस मौके पर मौजूद रहे। लेकिन अभी तक सरकार से सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले हैं। बीते दिनों पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान भी शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्पीकर से मिलकर अपनी बात रखी थी, जिसमें शिक्षकों की मांगों पर तुरंत कार्रवाई की बात कही गई थी। पुटा और पीफैक्टो की ओर से यूजीसी स्केल को डीलिंग किए जाने का भी विरोध किया जा रहा है। इससे नए असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से भी युवाओं का नुकसान होगा। शिक्षकों को संबोधित करते हुए टीचर्स एसोसिएशन पदाधिकारियों ने कहा कि अब जब तक पंजाब सरकार शिक्षकों की मांगों को लेकर कोई उचित फैसला नहीं लेती तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। स्टेज से शिक्षक नेताओं ने कहा कि अभी तक शांतिपूर्वक ही सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा जा रहा था, लेकिन अब अपने हकों के लिए सड़कों पर भी उतरना पड़ा तो शिक्षक पीछे नहीं हटेंगे। पंजाब सरकार द्वारा सातवां पे कमीशन लागू नहीं किए जाने से बीस हजार से अधिक प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों, यूनिवर्सिटी के शिक्षकों की आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
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