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- Less Than 11 Years Of Rain In August, This Time 48% Less Rain; Sowing Reduced By 6.74 Lakh Acres
राजधानी हरियाणा3 घंटे पहले
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बुधवार को गुड़गांव में 91 मिमी. बारिश हुई। सड़कों पर 2 से 3 फीट पानी भर गया।
- जुलाई-अगस्त के बजाय जून व सितंबर में ज्यादा बारिश होने लगी, इससे फायदा कम, नुकसान ज्यादा
- अगस्त में सबसे कम बारिश 2014 में हुई थी, तब सामान्य से 79.8% कम बरसा था पानी
- सामान्य से ज्यादा बारिश साल 2010 में हुई थी
प्रदेश में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी अधिकतर जिलों में अच्छी बारिश हुई। 24 घंटे में औसतन 24.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह 1 सितंबर को होने वाली सामान्य बारिश 3.7 मिमी. के मुकाबले 555% अधिक है। 1 जून से शुरू हुए मॉनसून सीजन में अब तक 412.8 मिमी. बारिश हो चुकी है, जो सामान्य से 14% अधिक है। लेकिन अकेले अगस्त माह की बारिश देखें तो इस बार अगस्त में सामान्य 157.2 के मुकाबले 82.4 मिमी. बारिश हुई है। यानी 48% कम बारिश हुई।
मौसम विभाग के अनुसार, साल 2000 के बाद बारिश का नया ट्रेंड देखने को मिला है। पहले जुलाई-अगस्त में अच्छी बारिश होती थी। अब माॅनसून के आगमन यानी जून और विदाई वाले महीने सितंबर में सामान्य से अधिक बारिश हो रही है। ऐसे में कई बार प्रदेश में खरीफ की फसलों को फायदा कम, नुकसान अधिक हो जाता है। पिछले 11 साल से अगस्त में कम बारिश हो रही है। इससे पहले साल 2010 ऐसा रहा था, जब अगस्त में सामान्य से अधिक (10.3% ज्यादा) बारिश हुई थी। इस बार अगस्त में माॅनसून के कमजोर रहने से खरीफ सीजन में 6,74,310 एकड़ एरिया में कम बिजाई हुई है।
मॉनसून सीजन- 22 जिलों में से 3 में सामान्य से कम बारिश
हरियाणा में माॅनसून सीजन सामान्यत: 1 जून से 30 सितंबर तक माना जाता है। 460 मिमी. बारिश सामान्य मानी जाती है। अब तक 22 जिलों में से 10 जिले ऐसे हैं, जहां सामान्य बारिश हुई है। 6 में सामान्य से अधिक, 3 में बहुत अधिक और तीन में कम बारिश हुई है।
बर्फबारी के 3 दिन घटे; भाखड़ा व यमुना में पानी का फ्लो घटा
30 साल के आंकड़ों के अनुसार, पहले सीजन में पहाड़ों में बर्फबारी के 15 दिन तक होते थे, अब ये 12 तक रह गए हैं। इससे भाखड़ा डैम व यमुना मंे पानी का फ्लो घटा है। भू-जल स्तर औसतन करीब 21 मीटर जा चुका है। इससे हरियाणा में सामान्य दिनों में जल की कमी हो रही है।
धान रोपाई 3.28 लाख एकड़ अधिक
खरीफ सीजन की बिजाई लगभग पूरी हो चुकी है। अबकी बार प्रदेश में 29.64 लाख एकड़ में धान रोपाई का लक्ष्य था, जबकि रोपाई 33.69 लाख एकड़ में हुई है। यह पिछले साल से भी 88920 एकड़ ज्यादा है। इस बार 76,47,120 एकड़ में खरीफ की फसलों की बिजाई का लक्ष्य था। अब तक 69,72,810 एकड़ में बिजाई हुई है।
आगे- देश में सितंबर में 10% ज्यादा बारिश
आईएमडी के चंडीगढ़ सेंटर के निदेशक डॉ. मनमोहन सिंह के अनुसार, अगस्त में कम बारिश हुई है, लेकिन ओवरऑल सीजन में बारिश अच्छी रही है। वहीं, बुधवार को आईएमडी ने माॅनसून के पूर्वानुमान में सुधार किया। पहले में 101% बारिश की संभावना जताई थी। अब कहा है कि यह 96% के ही आसपास रहने के आसार हैं। सितंबर में सामान्य से 10% अधिक बारिश के आसार हैं।
सितंबर में तेज बारिश व हवा चली तो नुकसान
अब तक हुई बारिश फसलों के लिए लाभकारी है। इससे उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। यह बारिश रबी की फसलों के लिए जमीन में पर्याप्त नमी देगी। सितंबर में भारी बारिश हुई तो फसलों को लाभ कम, नुकसान अधिक होगा। हल्की बारिश होती रही व हवाएं नहीं चली तो ठीक रहेगा।
-डॉ. धर्मवीर यादव, निदेशक, एचएयू रीजनल सेंटर, बावल
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