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बठिंडा4 घंटे पहले
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भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने पिछले दिनों नोटिफिकेशन जारी कर मिल्क शब्द का इस्तेमाल सिर्फ दुग्ध वाले पशुओं से मिलने वाले दूध और उससे बने प्रोडक्ट के पैक पर ही किया जाए। सोया मिल्क और बादाम मिल्क या आइसक्रीम के अलावा अन्य कई ब्रांड्स को मिल्क शब्द का इस्तेमाल करने पर अब पाबंदी लगा दी है। इस संबंध में जिला सेहत विभाग की फूड सेफ्टी अधिकारियों ने उक्त नोटिफिकेशन को गंभीरता पूर्वक लेते हुए जिले में जल्द ही चेकिंग अभियान चलाकर इसे लागू करवाने की तैयारी में है। जिला फूड सेफ्टी अधिकारी डॉ. उषा गोयल ने बताया कि गैर स्तनपायी स्रोतों, खास तौर पर पौधों, मेवा आदि से तैयार किए गए उत्पादों को दूध या दुग्ध उत्पाद नहीं कहा जा सकता है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम में दूध व दुग्ध उत्पाद के लिए मानक तय किया गया हैैं।
बाजार में इस समय सोया मिल्क, ओट्स मिल्क, टोफू पनीर जैसे कई उत्पाद खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के नियमों के विपरीत बिक रहे हैैं। एफएसएसएआई ने इस संबंध पत्र जारी कर कार्रवाई के लिए व क्षेत्र में सर्च अभियान चलाने के लिए निर्देश जारी किए गए है। उन्होंने बताया कि नॉन डेयरी प्रोडक्ट और प्लांट बेस डेयरी प्रोडक्ट के पैक पर मिल्क शब्द का इस्तेमाल करने पर एफएसएसएआई ने अब पूरी तरह से रोक लगा
दिया है। नोटिफिकेशन में कहा है कि मिल्क शब्द का इस्तेमाल सिर्फ जानवरों से मिलने वाले दूध और उससे बने प्रोडक्ट के पैक पर ही किया जाए। वर्तमान में कई ऐसे ब्रांड हैं जिसमें सोया, ओट्स, काजू, बादाम, अखरोट, सोया, आलमंड मिल्क व अन्य वस्तुओं से बनाए गए उत्पादों को दुग्ध उत्पाद कहकर नहीं बेचा जा सकता। फिलहाल भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के निर्देश पर जिला सेहत विभाग उक्त मामले को गंभीरता पूर्वक लेते हुए कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।
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