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- Delhi CM Arvind Kejliwal Will Do Meditation In Jaipur At Dhamma Thali Vipassana Meditation Centre Near Galta For Ten Days Without VVIP Facilities, The Routine Will Start From 4 In The Morning,
जयपुर35 मिनट पहलेलेखक: विष्णु शर्मा
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जयपुर के विपश्यना ध्यान केंद्र में मौन साधना शुरू हो गई है। CM केजरीवाल रविवार को जयपुर पहुंचे थे। बुधवार को ध्यान साधना का तीसरा दिन रहा। इस बीच भास्कर टीम ने विपश्यना केंद्र का जायजा लिया। केजरीवाल VVIP सुविधाओं से दूर सिर्फ साधक की तरह रह रहे हैं। सुबह 4 बजे उठ रहे हैं।
जयपुर में गलता की पहाड़ियों के पास ये केंद्र बना हुआ है।
जयपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर आगरा रोड पर गलता तीर्थ की तरफ जाने वाले रास्ते पर पहाड़ी की तलहटी में घने जंगलों के बीच विपश्यना ध्यान केंद्र (धम्म थली) है। यहां आम लोगों का प्रवेश नहीं है। सिर्फ साधक और साधना केंद्र से जुड़े सेवक ही विपश्यना केंद्र में जाने की इजाजत है।

इस विपश्यना ध्यान केंद्र में बाहरी लोगों का प्रवेश नहीं है।
साधक कमल ने भास्कर संवाददाता को बातचीत में बताया कि 10 दिन की साधना में साधकों का बोलना भी मना होता है। यहां VVIP सुख सुविधाओं से दूर रहकर ध्यान केंद्र के नियमों के अनुसार केजरीवाल भी सामान्य साधकों के जैसे ही विपश्यना केंद्र में साधना की तरह रहेंगे। यहां विपश्यना साधना के अलग-अलग सेशन अटेंड करेंगे। वे आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग नहीं करेंगे। किसी राजनीतिक कार्यक्रम में भी हिस्सा नहीं लेंगे।

शहर की सुख-सुविधा से पूरी तरह दूर है ये केंद्र। साधना करने वालों से मोबाइल भी रखवा लिया जाता है।
10 दिन तक सुबह 4 बजे उठने से शुरू होगी केजरीवाल की दिनचर्या
साधक नीलमचंद मुणोत ने बताया कि विपश्यना के नियमों के अनुकूल उन्हें तड़के 4 बजे से सुबह 6 बजे तक साधना कक्ष में जाना होगा। वहां साधना के बाद एक से डेढ़ घंटे के दौरान अल्प आहार, स्नान आदि कार्य संपन्न करने होंगे। फिर साधना कक्ष में नियमित ध्यान पर खुद को केंद्रित करना होगा।

परंपरागत जीवन से खुद को अलग करना होता है।
यहां 10 से 11 दिन की साधना के दौरान मौन व्रत का पालन करना होता है। एक कमरे में एक व्यक्ति को रहना होता है, यानी अकेला जीवन, खुद के लिए जीवन जीना होता है। एक समय का ही भोजन करना होता है। परंपरागत जीवन से खुद को अलग करना होता है। केजरीवाल भी इस तरह की तपस्या से गुजर रहे।

ध्यान के लिए बने हैं अलग-अलग केंद्र।
दोपहर भोजन के लिए भी एक से डेढ़ घंटे का समय दिया जाएगा। कुछ देर आराम के लिए भी समय मिलेगा। रात्रि में एक वीडियो सुनाया जाएगा। वीडियो में विपश्यना मिलने वाली जीवन जीने की कला को सरल भाषा में समझाया जाता है। रात्रि 9 बजे विश्राम का समय निर्धारित है। इन 10 से 11 दिन के दौरान केजरीवाल को प्रत्येक कार्य खुद करने हैं। उन्हें कोई सहयोगी नहीं मिलेगा। अल्प आहार और भोजन भी एकदम सामान्य होगा।

विपश्यना साधना का प्रवेश द्वार
यह है विपश्यना साधना
विपश्यना की ध्यान-विधि एक ऐसा सरल और कारगर उपाय है, जिससे मन को वास्तविक शांति प्राप्त होती है और एक सुखी, उपयोगी जीवन बिताना संभव हो जाता है। विपश्यना का अभिप्राय है, जो वस्तु सचमुच जैसी हो, उसे उसी प्रकार जान लेना। आत्म-निरीक्षण द्वारा मन को निर्मल करते-करते ऐसा होने ही लगता है। हम अपने अनुभव से जानते हैं कि हमारा मानस कभी विचलित हो जाता है, कभी हताश, कभी असंतुलित।

विपश्यना ध्यान केंद्र
इस कारण जब हम व्यथित हो उठते हैं, तब अपनी व्यथा अपने तक सीमित नहीं रखते, दूसरों से बांटने लगते हैं। विपश्यना हमें इस योग्य बनाती है कि हम अपने भीतर शांति और सामंजस्य का अनुभव कर सकें। यह चित्त को निर्मल बनाती है। यह चित्त की व्याकुलता और इसके कारणों को दूर करती जाती है। यदि कोई इसका अभ्यास करता रहे तो कदम-कदम आगे बढ़ता हुआ अपने मानस को विकारों से पूरी तरह मुक्त करके नितान्त विमुक्त अवस्था का साक्षात्कार कर सकता है।
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