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- After 2 Days, The Team Of Sarveshwar Gaushala Did The Rescue, Cut The Net And Took Out The Hungry Python, Left It Safely In The Forest Of Parasolia.
बांसवाड़ा11 मिनट पहले
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तालाब में इस जगह पर मछली के जाल में 2 दिन फंसा रहा बेबी अजगर।
तालाब में मछलियां देख बेबी अजगर (3 फीट लंबा) उनके शिकार के लिए पहुंचा तो खुद ही मछली के जाल में उलझ गया। वह करीब 50 घंटे तक जाल से निकलने को छटपटाता रहा, लेकिन सफल नहीं हुआ। जाल डालने वाले युवक ने भी उसे बाहर निकालने का जोखिम नहीं उठाया। हालांकि, उसने अजगर को मारा भी नहीं। सूचना पर परतापुर स्थित सर्वेश्वर गौशाला की टीम ने उसका रेस्क्यू किया। उसे आबादी से दूर परसोलिया के जंगल में छोड़ा।

मोबाइल की लाइटों की मदद लेकर ब्लैड से एक-एक धागा काटते हुए।
बांसवाड़ा मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर उलाई (गोपीनाथ का गढ़ा के पास) गांव में एक छोटे तालाब है। गांव के युवक ने मछली पकड़ने के लिए जाल डाला था। तभी जाल में कुछ मछलियां फंस गईं और वह जाल में छटपटाती रहीं। मछलियों को देख अजगर उनका शिकार करने गया। उसने एक-दो मछलियां खाईं और जाल में दूसरी ओर फंसी मछलियां को लेकर वह जाल के भीतर घुसता गया और बुरी तरह से उलझ गया।
जाल डालने वाले युवक ने अजगर निकल जाएगा यह सोचकर जाल भी नहीं हटाया और अजगर को मारा भी नहीं। दो दिन तक उसके बाहर नहीं निकलने पर युवक ने इसकी सूचना सर्वेश्वर गौशाला की रेस्क्यू टीम को दी। सूचना पर टीम के मयंक डाबी, यश पंचाल, कोमित पंचाल, भाविक कलाल की टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने पहले तो जाल का बाहरी हिस्सा काटा। बाद में एहतियात बरतते हुए अजगर के चारों ओर लिपटे जाल को काटकर उसे सुरक्षित पकड़ा। परतापुर कस्बे से करीब 10 किलोमीटर दूर परसोलिया के जंगल में जाकर बेबी अजगर को छोड़ा।

जाल की गुत्थी को सुलझाने के लिए अजगर को एक ओर ले जाते हुए।
एक-एक तार को बारीकी से काटा
पर्यावरण प्रेमियों की इस टीम को घटना की जानकारी गुरुवार शाम 6 बजे लगी। टीम मौके पर पहुंची तो अंधेरा हो गया। जंगली झाड़ियों के बीच जाल में उलझे अजगर को सुरक्षित निकालने के लिए मौके पर उन्हें एक घंटा लगा। मौके पर जुटी ग्रामीणों की भीड़ से उन्होंने चाकू मंगाया तो बारीक तार को काटने के लिए ब्लेड का इस्तेमाल भी किया। बारीकी से ऑपरेशन करते समय कई मोबाइल की लाइटों का प्रयोग किया। तब कहीं जाकर अजगर सुरक्षित निकला।

अजगर की जिंदगी को बचाने के लिए बेहद सावधानी वाले प्रयास।
हर समय तैयार
सर्वेश्वर गौशाला की टीम के सदस्य बीते कई सालों से सांप, अजगर, वाइल्ड लाइफ जीवों के साथ गौरक्षा के लिए काम करते हैं। टीम के सदस्य आधी रात को भी सूचना मिलने पर जहरीले सांपों को रेस्क्यू करने जाते हैं। गौशाला की गौरक्षा कमांडों टीम में करीब 25 लोग शामिल हैं, जो केवल पर्यावरण प्रेमी के तौर पर इस कार्य को निशुल्क पूरा करते हैं। वह लोगों से जंगली जीवों को मारने की बजाए उन्हें सूचना देने की अपील करते हैं। इसी जागरूकता का नतीजा है कि ग्रामीण युवक ने अजगर को मारने की बजाए इसकी सूचना गौरक्षा टोली को दी।

जाल से मुक्त हुआ अजगर।
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