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- Lawyer Said That Papla Gurjar Should Be Brought To Jail In Shackles, So That He Can Be Saved From Encounter, Letter Written To Jail Superintendent
अलवरएक घंटा पहले
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गैंगेस्टर पपला गुर्जर।
हरियाणा निवासी अंतरराज्यीय गैंगेस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को खुद के एंकाउंटर का खतरा है। गुरुवार को 2 सितम्बर को पपला गुर्जर व उसकी गर्लफ्रैंड रह चुकी जिया की बहरोड़ के कोर्ट में पेशी है। इससे पहले ही पपला गुर्जर के वकील ने जेल प्रशासन से मांग की है कि पपला को पेशी पर लाते समय बेड़ियों में बांध कर ही लाया जाए। ताकि उसके एंकाउंटर का खतरा नहीं रहे। इससे पहले भी पपला के वकील गोविंद सिंह रावत ने जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर अवगत कराया कि पपला की जेल में हत्या की साजिश रची जा रही है। उसे खाने में जहर देकर भी मारा जा सकता है। तभी तो जले में भी उसके इलाज पर भी पूरा ध्यान नहीं दिए जाने की शिकायत की थी। अब जेल अधीक्षक को पत्र लिखकर मांग की है कि पपला को न्यायालय में लाते समय बेड़ियों में बांध कर ही लाया जाए।

गैंगेस्टर की गर्लफ्रैंड रही हैं जिया।
हाई सिक्योरिटी जेल अजमेर में पपला
पपला गुर्जर 15 फरवरी से अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। वहीं से उसे पेशी पर लाया जाता है। अब 2 सितम्बर को पपला को पेशी पर लाया जाएगा। इस कारण उसके एंकाउंटकी संभ्ज्ञावना है। बेडियों में लाने पर ही पपला खुद को सुरक्षित महसूस कर सकेगा।
बहरोड़ से सितंबर 2019 को फरार हुआ था
पपला गुर्जर पर कई हत्या, दुष्कर्म व मारपीट के मामले दर्ज हैं। 6 सितम्बर 2019 को वह अपने कई साथियों के साथ बहरोड़ में पकड़ा गया था। उसके पास कार में करीब 31 लाख रुपए भी मिले थे। अगले दिन सुबह-सुबह ही पपला को उसके साथी बदमाश बहरोड़ थाने का लॉकअप तोड़ कर भगा ले गए थे। एके-47 से गोलियां बरसाई थीं।
गर्लफ्रेंड के साथ महाराष्ट्र से 28 जनवरी को पकड़ा गया था
इसके बाद पपला महाराष्ट्र के कोल्हापुर में गर्लफ्रेंड जिया के साथ पकड़ में आया। पुलिस उसे और उसकी गर्लफ्रेंड जिया को अलवर लेकर आई। यहां कई दिन पुलिस ने रिमांड पर लिया। उसके बाद उसे 15 फरवरी को अजमेर जेल भेज दिया गया। उसकी गर्लफ्रेंड जिया अलवर जेल में रही थी। पपला की गर्लफ्रेंड जिया अलवर जेल से तीन महीने पहले ही रिहा हो चुकी है। जिया को 4 फरवरी को अलवर जेल भेजा था। यहां वह करीब दो माह 4 दिन जेल में रही। बाद में हाईकोर्ट से उसकी जमानत हो गई थी। उसके बाद से अब दोनों को बीची-बीच में पेशी पर आना पड़ता है।
जितेंद्र नरूका, बहरोड़।
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