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- Government Buses Blockade On 7th Day In Punjab, Striking Contract Workers To Gherao Homes Of Congress MLAs; Demonstration At Pargat Singh’s House In Jalandhar, Meeting With CM On Tuesday
जालंधर12 घंटे पहले
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विधायक परगट सिंह को मांग पत्र सौंपते हड़ताली काॅन्ट्रैक्ट बस कर्मचारी।
पंजाब में 2 हजार सरकारी बसों के चक्के 7वें दिन भी जाम हैं। कॉन्ट्रेक्ट कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से सरकारी बसें नहीं चल रहीं। इसकी वजह से सवारियों व खासकर मुफ्त सफर सुविधा वाली महिलाओं को परेशानी हो रही है। हड़ताली कर्मचारियों की मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से बैठक होनी है। उससे पहले जालंधर में रविवार को पंजाब रोडवेज, PRTC व पनबस के कर्मचारियों ने जालंधर कैंट से विधायक व पंजाब कांग्रेस के संगठन महासचिव परगट सिंह के घर का घेराव किया। बस स्टैंड से रैली शुरू करते हुए वे विधायक परगट सिंह के घर तक पहुंचे।
कर्मचारियों के आने पर परगट सिंह घर से बाहर निकले और उनकी मुश्किलें सुनी। कर्मचारियों ने बताया कि वह करीब एक हफ्ते से हड़ताल पर हैं लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही। परगट ने उन्हें भरोसा दिया कि वह सरकार के आगे उनकी मांगों को रखेंगे। वह कोशिश करेंगे कि कर्मचारियों की मांगे जल्द हल हों।

रोष प्रदर्शन करते कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी।
पंजाब रोडवेज व पनबस कॉन्ट्रेक्ट वर्कर यूनियन के जालंधर प्रधान गुरप्रीत सिंह ने कहा कि सरकार हर बार बातचीत कर मुकर जाती है। इस वजह से मजूबर होकर उन्हें बेमियादी चक्काजाम करना पड़ रहा है। इस बार यह स्पष्ट है कि अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो फिर वो हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानी से वो भी वाकिफ हैं लेकिन पंजाब सरकार को तुरंत हमारी मांगे माननी चाहिए ताकि हड़ताल खत्म हो सके।
फेस्टिवल सीजन में हाईवे जाम से बढ़ेगी मुश्किल
हड़ताली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर मंगलवार को CM से बैठक में उनके पक्ष में फैसला न हुआ तो हाईवे जाम कर देंगे। इस वक्त फेस्टिवल सीजन चल रहा है, ऐसे में हाईवे जाम हुआ तो लोगों को बड़ी परेशानी होगी। सरकार गन्ना किसानों के मामले में भी लापरवाही बरत चुकी है। तब 5 दिन तक जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे व रेलवे ट्रैक जाम रहा। इससे लाखों लोगों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ी, हालांकि बाद में सरकार ने उनकी मांग मान ली।

हड़ताल को लेकर आमने-सामने
सरकारी बसों के चक्काजाम को लेकर हड़ताली कर्मचारी व पंजाब सरकार आमने-सामने है। विधानसभा चुनाव से पहले हड़ताल से कैप्टन सरकार की बहुप्रचारित मुफ्त सफर स्कीम का महिलाओं को लाभ नहीं मिल रहा है। इस वजह से सरकार की चिंता बढ़ी हुई है। इस वजह से सरकार हड़ताली कर्मचारियों को नोटिस भेज चुकी है कि उन्हें हड़ताल का अधिकार नहीं है। वो तुरंत हड़ताल खत्म कर बसें चलाएं अन्यथा उनका कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर दिया जाएगा। वहीं, यूनियन भी अड़ी हुई है कि वो पीछे नहीं हटने वाले। सरकार कर्मचारियों के खिलाफ दमनकारी नीति अपना रही है। हड़ताल अब तभी खत्म होगी, जब सरकार मांगे मानेगी।
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