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लुधियानाएक घंटा पहले
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मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह।
कैबिनेट मंत्री और कैप्टन विरोधी खेमे के मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और सुखजिंदर रंधावा व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह फिर आमने-सामने हो गए हैं। दोनों मंत्रियों ने बटाला शहर को जिले का दर्जा देने संबंधी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र का जवाब देते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह मांग तो पिछले माह ही उनके पास आ गई थी और इस पर विचार भी चल रहा है। मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा है कि अगर दोनों मंत्री मेरे पास आ जाते तो उन्हें इस संबंधी अवगत करवा देता। बटाला को जिला बनाने की मांग पहले से ही विचाराधीन है और इस संबंधी अंतिम फैसला संबंधित अलग-अलग मामलों को विचारने के बाद लिया जाएगा। उन्होंने ऐसा ही मांग पत्र बीते महीने एक अन्य कांग्रेसी नेता से प्राप्त किया था।
कैप्टन ने कहा कि बीते कुछ दिनों से मीडिया में दिखाई गई कुछ रिपोर्ट यह दर्शाती हैं कि बटाला के निवासियों ने भी सार्वजनिक तौर पर अपने क्षेत्र को नया जिला बनाने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने हैरानी जाहिर करते हुए कहा कि न तो तृप्त बाजवा और न ही सुखजिन्दर रंधावा ने सार्वजनिक तौर पर उठी इस मांग संबंधी रिपोर्ट को देखा और न ही सांझा पत्र लिखने से पहले उनके साथ इस मुद्दे को विचारना उपयुक्त समझा। दोनों मंत्रियों पर चुटकी लेते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यदि वह मेरे पास आए होते और इसके बारे बात की होती तो मैं उनको बता देता कि मैं इस मामले पर पहले ही विचार रहा हूं और इस सम्बन्ध में उनसे परामर्श भी कर लेता।
सांसद प्रताप सिंह बाजवा भी कर चुके हैं मांग
सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने 11 अगस्त, 2021 के अपने पत्र में बटाला की ऐतिहासिक महत्ता बताते हुए और सन् 1487 में श्री गुरु नानक देव जी के माता सुलक्खनी जी के साथ यहां हुए विवाह का हवाला देते हुए बटाला को जिले का दर्जा देने की मांग की हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह बटाला के पंजाब के इतिहास और सभ्याचार में महत्ता के साथ-साथ लोगों की भावनाओं के बारे जानते हैं। वह फैसला लेने से पहले अलग-अलग भाईवालों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उनकी सरकार की तरफ से 79 गांवों और 24 कस्बों में 103 स्थानों की शिनाख़्त की गई थी, जिनको गुरु साहिब के चरण स्पर्श प्राप्त हैं। इनके लिए फंड अलॉट किए गए थे और इन स्थानों को अलग ढंग से विकसित करने को यकीनी बनाने के यत्न किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया के लिए बहुत सोच-विचार और सलाह-मशविरे हो चुके हैं।
दो दिन पहले पत्र लिखकर की थी बटाला को जिला बनाने की मांग
सुखजिंदर सिंह रंधावा और तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा की तरफ से दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री का पत्र लिखा गया था, जिसमें मांग की गई थी कि बटाला को प्रदेश का 24वां जिला बनाया जाए और श्री हरगोबिंदपुर और घुमान को नए सब डिविजन बनाए जाए। तब यह सोचा जा रहा था कि वह इस पत्र के माध्यम से कैप्टन अमरिंदर सिंह से मिलना चाहते हैं और हो सकता है कि उनमें सुलह हो जाए। मगर कैप्टन द्वारा इस तरह से प्रतिक्रिया देकर उनकी मांग को नजरअंदाज कर देना साफ करता है कि सुलह की उम्मीद नहीं है। बता दें कि दोनों मंत्रियों ने कुछ अन्य मंत्रियों और विधायकों को साथ लेकर कैपटन को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की मांग कर दी थी। इसके लिए वह हरीश रावत से मिले भी थे, मगर सफल नहीं हो पाए।
पंजाब हितैषी नहीं हैं मंत्री, अपने बचाव में लगे बिक्रम सिंह मजीठिया
शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने भी चुटकी ली है। उनका कहना है कि जब दोनों मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह में विश्वास ही नहीं रखते हैं तो फिर पत्र लिखकर मांगें क्यों कर रहे हैं। एक तरफ वह कहते हैं कि मुख्यमंत्री को हटा देना चाहिए और फिर उसी से मांग भी करते हैं। यही नहीं उनकी तरफ से बेभरोसगी प्रस्ताव पर साइन नहीं करना भी साफ करता है कि वह प्रदेश हित के लिए नहीं, बल्कि अपने हित के लिए काम कर रहे हैं।
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