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श्रीगंगानगर24 मिनट पहले
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फाइल फोटो
- गंगानगर जिले में 366641 व हनुमानगढ़ जिले की 619100 हैक्टेयर फसल पर पकाव का संकट, 15 से 45 फीसदी फसलें झुलस भी चुकीं
गंगानगर-हनुमानगढ़ सहित अन्य जिलाें काे जलापूर्ति करने वाली तीनाें प्रमुख नहराें काे सप्लाई देने वाले बांधाें की स्थिति इस बार पिछले साल के मुकाबले काफी खराब है। भाखड़ा बांध में पिछले साल के मुकाबले ही 29 फीट पानी कम आया है। ऐसी ही स्थिति पौंग (रणजीत सागर) डैम की है। इसमें पिछले साल के मुकाबले ही 30 फीट पानी का लेवल कम है। यह स्थिति 25 अगस्त के तक आंकड़ाें की है। केवल पंडाेह डैम की स्थिति पिछले साल के मुकाबले अच्छी है। इसमें 5.12 फीट पानी का लेवल 2020 के अगस्त के मुकाबले अधिक है।
तीनाें बांधाें में जल स्तर पिछले साल 25 अगस्त के मुकाबले अच्छा नहीं हाेने के कारण बांधाें से पानी की निकासी कम कर दी गई है। लिहाजा राजस्थान कैनाल में 6030 क्यूसेक, बीकानेर कैनाल में 1950 क्यूसेक और भाखड़ा में 1200 क्यूसेक पानी ही दिया जा रहा है। नतीजन श्रीगंगानगर जिले की 366641 हैक्टेयर तथा हनुमानगढ़ जिले की 619100 हैक्टेयर जमीन पर बाेई गई खरीफ फसल अब तक 15 से 45 फीसदी तक झुलसकर खराब हाे चुकी हैं।
राहत यह भी…पानी की आवक अच्छी व निकासी कम कर रहे, अगले साल खरीफ पर संकट की आशंका कम
लेवल कम हाेने के बावजूद अब शेयर 2500 क्यूसेक लेकिन दे नहीं रहे,आगे शेयर भी घट जाएगा: इधर किसान संगठनाें की ओर से सरकार और सिंचाई विभाग के इस रवैये पर एतराज जताया गया है। गंगनहर प्राेजेक्ट के पूर्व चेयरमैन गुरबलपालसिंह संधु बताते हैं कि जब बांधाें में जलस्तर कम है तब भी गंगनहर का अगस्त का शेयर 2500 क्यूसेक तय किया हुआ है। लेकिन पूरे अगस्त माह में एक भी दिन एेसा नहीं है जिसमें पूरा हिस्सा तय शेयर के मुताबिक दिया हाे। अब जबकि बांधाें में जल भराव का समय चल रहा है। भराव का समय बीतने के बाद बांधाें का वाटर लेवल कम हाेने के कारण गंगनहर के शेयर में ही कटाैती कर दी जाएगी। दाेनाें ही स्थिति में नुकसान किसानाें का ही हुअा।
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