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गाजियाबाद15 घंटे पहलेलेखक: सचिन गुप्ता
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करनाल में मिनी सचिवालय के बाहर पिछले चार दिन से किसानों का धरना जारी है। वह एसडीएम पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
करनाल में मिनी सचिवालय के सामने 7 सितंबर से हजारों किसान इकट्ठा हैं। वह लाठीचार्ज की बात कहने वाले एसडीएम पर हत्या का मुकदमा और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। किसानों ने अस्थायी टैंट गाड़ दिए हैं। लंगर चालू है। किसान आंदोलनों में सबसे प्रमुख चेहरा बन चुके भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत दो दिन रहकर गाजीपुर बॉर्डर पर लौट आए हैं। फिलहाल करनाल आंदोलन की कमान भाकियू पंजाब (चढूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के हाथ में है।
संयुक्त किसान मोर्चा के ज्यादातर नेता अब करनाल से दिल्ली के बॉर्डरों की तरफ लौट आए हैं। करनाल का आंदोलन स्थानीय किसान नेताओं के हाथ में रहेगा।

करनाल से गाजीपुर लौटकर राकेश टिकैत रोजाना स्थानीय किसानों से मिल रहे हैं।
‘खट्टर को दिल्ली से मिल रहे आंदोलन खींचने के निर्देश’
दरअसल, किसान नेता नहीं चाहते कि दिल्ली के बॉर्डरों की बजाय करनाल आंदोलन का प्रमुख केंद्र बने। प्रमुख किसान नेताओं का मानना है कि दिल्ली की सीमाओं पर डटे रहकर ही केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सकता है। “दैनिक भास्कर’ से बातचीत में राकेश टिकैत कहते हैं कि यह हरियाणा सरकार की चाल है कि पूरा आंदोलन दिल्ली से खिसककर हरियाणा में डायवर्ट हो जाए।
उनका सीधे आरोप है कि मनोहरलाल खट्टर सरकार समय-समय पर किसानों को उकसाती रहती है, ताकि किसान दिल्ली से उठकर हरियाणा में पहुंचकर आंदोलन शुरू कर दें। हो सकता है कि इसके लिए खट्टर सरकार को दिल्ली से निर्देश भी मिल रहे हों।

टीकरी बॉर्डर पर चल रहे धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी प्रतिभाग कर रही हैं।
दिल्ली के बॉर्डरों पर जारी रहेगा आंदोलन
राकेश टिकैत का कहना है कि हम इन सरकारों की चाल में नहीं फंसेंगे। दिल्ली के सिंघु, गाजीपुर, शाहजहांपुर, टीकरी बॉर्डर पर जिस तरह से किसान आंदोलन चल रहे हैं, उसी तरह से आगे भी जारी रहेंगे। करनाल आंदोलन का बड़ा मोर्चा नहीं हो सकता। हां, वहां धरना जरूर जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री बार-बार किसानों से जुड़ी हर छोटी से छोटी घटना में इनवॉल्व हो रहे हैं। जबकि एसडीएम पर कार्रवाई करना ब्यूरोक्रेट्स के हाथ में है। इसलिए हमारी हरियाणा मुख्यमंत्री से ही मांग है कि वही भारत सरकार से बैठक कराकर कृषि बिल पर बात कराएं।

करनाल में 11 सितंबर को महापंचायत में दिल्ली बॉर्डरों से एसकेएम नेता जाएंगे।
करनाल में 11 सितंबर को फिर जुटेंगे एसकेएम के नेता
संयुक्त किसान मोर्चा की मीडिया सेल देख रहे हरिंदर ने बताया, राकेश टिकैत पहले ही करनाल से आ गए थे। दर्शनपाल सिंह लखनऊ बैठक में प्रतिभाग करने के लिए निकल गए। योगेंद्र यादव 10 सितंबर की शाम तक दिल्ली लौट सकते हैं। उन्होंने बताया, करनाल आंदोलन स्टेट कमेटी के जिम्मे है। 11 सितंबर को करनाल में बड़ी पंचायत है। इसलिए एसकेएम के नेता एक दिन के लिए फिर से वहां जाएंगे। इस महापंचायत में करनाल आंदोलन की अगली रूपरेखा तय होगी।
संयुक्त किसान मोर्चा के अगले कार्यक्रम
- 10 सितंबर को शाहजहांपुर बॉर्डर पर बैठक
- 15 सितंबर को जयपुर में किसान संसद
- 27 सितंबर को भारत बंद का आह्वान
- 28 सितंबर को छत्तीसगढ़ में किसान संसद
- 29 सितंबर को यूपी के तिलहर में महापंचायत
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