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फरीदाबाद8 मिनट पहले
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घोटाले और फर्जीवाड़े के लिए मशहूर हो चुके निगम में एक और फर्जीवाड़ा की आशंका है। निगम प्रशासन ने वार्ड नंबर छह में एक जेई की तैनाती कर दी। लेकिन उस नाम का कोई जेई नगर निगम में है ही नहीं। ये मामला तब सामने आया जब स्थानीय पार्षद ने उस जेई की खोजबीन शुरू की। अब इस मामले को छिपाने के लिए अधिकारी क्लर्कियल मिस्टेक बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं। कहा तो यहां जा रहा है कि अधिकारियों की मिलीभगत से जेई के नाम की सैलरी कोई और हजम कर रहा है। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि इतना सब पता होने के बावजूद 27 अगस्त को ये ऑर्डर कैसे हो गए। इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
जानकारी के अनुसार निगम कमिश्नर यशपाल यादव के आदेश पर 27 अगस्त को सभी वॉर्डों में एसडीओ व जेई की नियुक्ति आदेश जारी किये थे। आर्डर में वॉर्ड नंबर 6 में भी जेई अतुल आर्य की तैनाती की गई थी। इस आदेश की जानकारी जब स्थानीय पार्षद सुरेंद्र अग्रवाल ने जब कई दिनों बाद अपने वार्ड में तैनात किए गए जेई के बारे में संपर्क करने का प्रयास किया गया तो पता चला कि उस नाम का कोई जेई पूरे नगर निगम में कोई नहीं है। उन्होंने इसकी शिकायत नगर निगम कमिश्नर यशपाल यादव से की है साथ ही चीफ इंजीनियर को भी बताया और कहा कि वह इस मामले की जांच करें और पता लगाएं कि किस अधिकारी ने गलती की है। अग्रवाल ने अपने वॉर्ड 6 में नए जेई की नियुक्ति करने की मांग की है।
अफसरों की मिलीभगत का आरोप
निगम पार्षद सुरेंद्र अग्रवाल ने आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी गलती निगम के किसी बड़े अधिकारी की मिलीभगत से नहीं हो सकता। जब कोई जेई निगम में ही कार्यरत नहीं है तो उसके ऑर्डर कैसे हो सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि हो सकता है कि फर्जी जेई के नाम पर सैलरी रिलीज कराने की प्लानिंग चल रही हो। उधर चीफ इंजीनियर रामजीलाल का कहना है कि ये एक लिपिकिय त्रुटि हो सकती है। इसे ठीक करवाया जा रहा है।
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