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गाजियाबाद30 मिनट पहले
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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने 2017 में रिटायर हो चुके कर्मचारी के सारे भुगतान अब तक नहीं किए। हाईकोर्ट ने वीसी को तलब किया है।
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष कृष्णा करुणेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन ना करने का है। महेंद्र प्रताप शर्मा लगभग 41 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बाद जीडीए से अक्टूबर 2017 में सेवानिवृत्त हुए थे। उन्हें प्राधिकरण द्वारा पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्त लाभ पूरे नहीं दिए गए। जिसके लिए एमपी शर्मा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए एमपी शर्मा के पेंशनरी भुगतान के आदेश दिए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
अवमानना नोटिस का भी जीडीए पर नहीं पड़ा असर
इस पर पीड़ित ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की। सितम्बर-2020 में यह याचिका स्वीकार हुई। हाईकोर्ट ने फिर से एक महीने का आदेश दिया, जिसे जीडीए ने अनसुना कर दिया। इसके बाद दोबारा फिर अवमानना याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट ने दिसंबर-2020 में फिर मौका देते हुए एक महीने का समय जीडीए को दिया। दिसंबर 2020 में जीडीए के वीसी बदल गए और जनवरी 2021 में नए वीसी कृष्णा करुणेश हो गए। हाईकोर्ट ने उनके नाम नया ऑर्डर निकाला, लेकिन उसका भी पालन नहीं हुआ। इसके बाद कोरोना कर्फ्यू लागू होने से केस की सुनवाई नहीं हो पाई।
वीसी पेश होकर बताएं, क्यों नहीं किया भुगतान
अब तीन सितंबर को हाईकोर्ट इलाहाबाद ने जारी आदेश में कहा है कि गाजियाबाद प्राधिकरण के वीसी व्यक्तिगत रूप से पेश होकर इस बारे में जवाब कि उन्होंने पेंशन भुगतान क्यों नहीं किया और क्यों हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। इस केस की अगली सुनवाई 18 अक्तूबर को होगी।
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