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लुधियाना24 मिनट पहले
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प्रताप पब्लिक स्कूल से टीचर अमनप्रीत ने मोबाइल स्टैंड बना पढ़ाया।
- किसी ने पेंट कर बनाया वाइट बोर्ड, किसी ने बनाई एनिमेटेड कहानियां
- कोविड-19 के डेढ़ साल, इस दौरान इन 5 बड़ी चुनौतियों का टीचर्स ने किया सामना
कोविड-19 महामारी, जनता कर्फ्यू, लॉकडाउन, स्कूल बंद, घरों से निकलने पर पाबंदी और पारंपरिक शिक्षा उपलब्ध कराने के साधन भी नहीं। लेकिन चॉक, ब्लैकबोर्ड की पढ़ाई को अध्यापकों ने अपनी इनोवेशन, क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर स्कूलों को लॉकडाउन लगने पर हफ्ते के अंदर ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पहुंचाया। यही नहीं अब वो अध्यापक जो स्मार्ट फोन भी चलाने में झिझकते थे अब निपुणता के साथ ऑनलाइन व ऑफलाइन तरीकों से क्लास चला रहे हैं।
हर साल टीचर्स डे के मौके पर बेस्ट और अलग काम करने वाले चुनिंदा अध्यापकों को राज्य व केंद्र द्वारा सम्मानित किया जाता है। लेकिन कोविड-19 के दौर में दिन-रात पढ़ाई करवाने वाला हर अध्यापक हीरो है। मुश्किल समय में अगर शिक्षा चल सकी है तो वो सिर्फ अध्यापकों के योगदान और मेहनत के दम पर ही। दैनिक भास्कर परिवार द्वारा हर अध्यापक को नमन जिन्होंने न सिर्फ कोविड-19 के मुश्किल दौर में सकारात्मकता के साथ काम किया बल्कि महामारी के दौर के डेढ़ साल के दौरान हर बाधा को पार कर लगातार आगे बढ़ रहे हैं।
पहली- ऑफलाइन शिक्षा को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म में लाए
- सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल की टीचर तानिया ने बताया कि स्टूडेंट्स से पहले टीचर्स ने स्मार्ट फोन लेकर पढ़ाने के लिए इस्तेमाल करना सीखा। मोबाइल डाटा के पैक बढ़वाए और वाई-फाई भी लगवाए। रिटायरमेंट के पास, हिंदी, पंजाबी के अध्यापकों के लिए सीखना ज्यादा मुश्किल था। लेकिन उन्होंने भी सीखा और क्लासेस ऑनलाइन ली।
- डीएवी पब्लिक स्कूल बीआरएस नगर की प्रिंसिपल जेके सिद्धू ने बताया कि स्कूल बंद हो गए थे, ऐसे में उन्होंने अपने बेटे से ऑनलाइन मीटिंग के लिए एप्लीकेशन का इस्तेमाल करना सीखा। उसके बाद गूगल फॉर्म बनाना सीखा।
- बीसीएम स्कूल दुगरी के प्रिंसिपल डॉ.वंदना शाही ने बताया कि घर में दो या तीन बच्चों के लिए एक मोबाइल होने पर हमने उन बच्चों के शैड्यूल के मुताबिक टाइम टेबल बनाया। ताकि वो शिक्षा पा सकें।
दूसरी- क्रिएटिविटी से बनाया इंफ्रास्ट्रक्चर, ई-बुक्स भी जुटाईं
- अध्यापकों ने ऑनलाइन मीटिंग कर ऑनलाइन पढ़ाने का निर्णय तो ले लिया। लेकिन घर से क्लास देना एक चुनौती थी। टीचर्स ने एक कमरे को क्लासरूम में तब्दील किया। टीचर्स ने क्रिएटिविटी अपनाते हुए दो स्टूल पर फोम को टिका उसमें मोबाइल रखा। टेबल पर चार्ट पर लिख दूसरी के बच्चों को पढ़ाया। एक अन्य अध्यापिका ने घर की दीवार पर सफेद पेंट कर उसे वाइट बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया।
- जीपीएस नारंगवाल के बलविंदर सिंह ने ईबुक्स शेयर करने के अलावा, बच्चों के लिए विभिन्न टॉपिक्स पर एनिमेटेड वीडियोज बनाई।
- जीएसएसएसएस थरीके की रपविंदर कौर ने साइंटिफिक कविताएं तैयार कर शेयर की।
- जीएनपीएस मॉडल टाउन एक्सटेंशन की प्रिंसिपल मोना सिंह ने बताया कि जो गैजेट नहीं ले पा रहे थे टीचर्स ने उनके लिए हाथ से नोट्स बना प्रिंट आउट उपलब्ध करवाए।
तीसरी- घर से ही किया काम और बढ़ी हुई घरेलू जिम्ोमेदारियां भी निभाईं
- प्रताप पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल परविंदर कोहली ने कहा मुश्किल दौर रहा, टीचर्स ने घर से किया काम और कोरोना काल में बढ़ी घरेलू जिम्मेदारियां भी निभाईं।
- जीएसएसएसएस पीएयू की टीचर नेहा के मुताबिक कंपीटिशन, प्रोजेक्ट्स भी करवाए। रात 8 बजे तक भी क्लासेस देते रहे हैं।
चौथी- आधे वेतन में गुजारा कर छात्रों को पढ़ाया
- बीवीएम उधम सिंह नगर की प्रिंसिपल रंजू मंगल ने बताया कि बच्चों की फीस माफी से लेकर, कोविड-19 फंड जुटा जरुरतमदों की मदद की।
- जीपीएस चनन देवी की हेड टीचर जसविंदर कौर ने बताया बड्डी ग्रुप बनाए लर्निंग, आउटकम के पेपर के लिए घर भी गए।
- सरगोधा स्कूल के मैनेजमेंट मेंबर जसजीत सिंह बोले टीचर्स के पास रखे एकस्ट्रा मोबाइल स्टूडेंट्स को दिए।
- गुरमीत मदनीपुर बोले एडेड स्कूलों में स्टाफ को 50 % तनख्वाह मिली। लेकिन टीचर्स ने पढ़ाना नहीं छोड़ा।
5वीं- संक्रमित हुए, जान भी गई लेकिन पढ़ाना नहीं छोड़ा
- कोविड-19 महामारी के दौरान 22 जनवरी को गवर्नमेंट स्कूल गालिब कलां की अध्यापिका तेजिंदर कौर की मौत हुई। अब तक 4 अध्यापकों की मौत हो चुकी है, 290 अध्यापक पॉजिटिव आ चुके हैं। गवर्नमेंट स्कूल सिहाला की अध्यापिका राजिंदर कौर, गवर्नमेंट स्कूल सलेमपुर की प्रिंसिपल इंदू बाला, गवर्नमेंट स्कूल कद्दों के गगनदीप सिंह की मौत हुई। लेकिन इसके बाद भी टीचर्स ने जिम्मेदारी नहीं छोड़ी।
- जीएसएसएसएस गालिब कलां के प्रिंसिपल सोहन सिंह के मुताबिक तेजिंदर कौर छठी से दसवीं तक के स्टूडेंट्स को गणित पढ़ाती थी। स्टूडेंट्स आज भी उन्हें याद करते हैं।
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