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लाइव- खरीदार बनकर गए Newsline रिपोर्टर से महिला एजेंट की बातचीत।
- पड़ोसी जिले खूंटी-चतरा के बाद रांची बनी अफीम तस्करों का सबसे पसंदीदा अड्डा
झारखंड की राजधानी रांची राज्य में अवैध अफीम की खेती का केंद्र बनती जा रही है। यहां नामकुम के तीन गांव-सोगोद, हुंडारडीह, टुटीहारा की 50 एकड़ जमीन पर तीन माह में अफीम की फसल तैयार हो गई और पुलिस को पता भी नहीं चला।
अफीम माफिया अब 2250 किलो अफीम खपाने की तैयारी में हैं। कोरोना में बंद कमाई की भरपाई के लिए इस बार इसका दाम 1.15 लाख रुपए किलो तय किया है। इसे बेचने के लिए इन्होंने गांव की महिलाओं को ढाल बनाया है। खरीदारों से सौदा तय करने के लिए उनका चेहरा सामने कर दिया है।
रेट तय होने के बाद यही महिलाएं खरीदारों को अफीम माफिया से मिलाती हैं। Newsline के रिपोर्टर तीन दिन तक गांवों में अफीम के खरीदार बनकर पहुंचे, ताे पाया कि काफी महिलाएं इस धंधे का मुखौटा बन गई हैं। खेतोंं में जाकर पोस्ते के पौधों की सिंचाई कर रही हैं और उससे अफीम निकाल रही हैं।
रिपोर्टर : खेत आपका है…इसमेंं क्या लगा हुआ है?
महिला : मेरा नहीं है। हम तो साग तोड़ने आए थे। (सहमते हुए)
रिपोर्टर : यह तो पोस्ता है। मैं भी अफीम खरीदने आया हूं।
महिला : नहीं… हम कुछ नहीं जानते, लेकिन यह अफीम ही है।
रिपोर्टर : मैं पिछले साल भी यहां से खरीद कर ले गया था।
महिला : मिल जाएगा, कितना चाहिए। (आश्वस्त हुई तो चेहरे पर मुस्कान आ गई)
रिपोर्टर : इस बार क्या रेट है। हम ताे पिछली बार 70 हजार रुपए लिए थे, पर खूंटी में यहां से कम था।
महिला : नहीं…पिछले साल भी एक लाख रुपए था, इस बार लड़का लोग (अफीम माफिया) ज्यादा लेगा। कड़ाई हो गया है।
रिपोर्टर : इस बार ज्यादा अफीम चाहिए। पांच किलो लेंगे।
महिला : मिल जाएगा। लड़का लोग को हम बता देंगे।
रिपोर्टर : अगले रविवार को दो बजे आएंगे, पांच किलो रखिएगा।
महिला : ठीक है। (हंसते हुए)
26 करोड़ रुपए का अफीम खपाने में जुटे हैं माफिया
- एक एकड़ जमीन पर लगी फसल से 45 किलो अफीम होता है। ऐसे में नामकुम से 2250 किलो अफीम बाजार में बिकने को तैयार है।
- बाजार में अफीम 70 हजार रु/ किलो तक है, पर कोराना में धंधा बंद रहने से 1.15 लाख रुपए तय किया है। यानी नामकुम से 26 करोड़ के अफीम खपेंगे।
अफीम निकल गया, अब पोस्ता-डोडा की तैयारी
- माफिया पोस्ते के फलों में चीरा लगाकर अफीम निकाल चुके हैं। अब पोस्ता व डोडा (अफीम फल) तैयार हो रहा है। 10 दिनों में डोडा भी काट लेंगे।
- लॉकडाउन का लाभ उठाते हुए हुंडारडीह प्राथमिक स्कूल के पीछे भी बड़े पैमाने पर अफीम की खेती हुई है। यहां भी कई महिलाएं खेतों में दिखीं।
स्थानीय थाने की लापरवाही मिली तो कार्रवाई: एसएसपी
Newsline के पूछने पर रांची के एसएसपी सुरेंद्र झा ने कहा कि यहां अफीम लहलहाने नहीं देंगे। फसल नष्ट करेंगे। इसके लिए रांची पुलिस अभियान और तेज करेगी। अगर स्थानीय थाने की इसमें लापरवाही है तो बिल्कुल कार्रवाई की जाएगी।
बड़ा सवाल…50 एकड़ में खेती की भनक पुलिस को कैसे नहीं
नवंबर-दिसंबर में ही अफीम के पौधे लगाए गए थे। अफीम निकाल लिया गया, पर कैसे पुलिस को इसकी भनक नहीं मिली। 50 एकड़ में लगी फसल क्यों नहीं दिखाई पड़ी।
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