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- India’s 5 New Test Heroes Who May Not Play The ICC World Test Championship Final; Siraj, Akshar, Sundar
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भारत ICC वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में पहुंच चुका है। भारत के फाइनल तक के सफर में 2 टेस्ट सीरीज बेहद अहम रही। इसमें ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराना और इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में जीत हासिल करना शामिल है।
इन दोनों सीरीज में भारत के लिए मोहम्मद सिराज, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर जैसे कई नए हीरो उभर कर सामने आए। उन्होंने अपने परफॉर्मेंस से विपक्षी टीम को हारने पर मजबूर कर दिया। लेकिन इसमें से कई खिलाड़ी फाइनल में नहीं खेल सकते हैं। आइए उन सभी खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं….
1. मोहम्मद सिराज

ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज के दौरान सिराज अच्छे फॉर्म में दिखे।
कैसे आए स्क्वॉड में?
ऑस्ट्रेलिया टूर से पहले इशांत शर्मा चोटिल थे। इसी वजह से मोहम्मद सिराज को टीम में लिया गया।
कैसे आए टीम में?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट में मोहम्मद शमी चोटिल हो गए थे। इसके बाद सिराज को मेलबर्न में हुए दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला।
योगदान
सिराज ने 5 मैचों में 16 विकेट लिए हैं। उन्होंने 2 क्वालिटी साइड ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ अहम मौके पर विकेट लिए। अपने पहले ही टेस्ट में सिराज ने मार्नस लाबुशेन को लेग साइड में फंसाया था। वहीं, इंग्लैंड के खिलाफ अहमदाबाद में सिराज ने जो रूट और जॉनी बेयरस्टो को आउट किया था।
WTC फाइनल में खेलने का चांस?
नहीं के बराबर। सिराज को तभी मौका मिलेगा, अगर इशांत शर्मा, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी में से कोई एक चोटिल रहे।
2. अक्षर पटेल

अहमदाबाद में डे-नाइट टेस्ट के दौरान अक्षर पटेल।
कैसे आए स्क्वॉड में?
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट टीम का हिस्सा बने, क्योंकि रविंद्र जडेजा चोटिल थे।
कैसे आए टीम में?
पहले टेस्ट में चोट की वजह से अक्षर नहीं खेल पाए थे। दूसरे टेस्ट में चेन्नई में उन्हें टीम में शामिल किया गया।
योगदान
अक्षर ने टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री की। उन्हें जडेजा के लाइक फॉर लाइक रिप्लेसमेंट के तौर पर देखा जा रहा है। पहले टेस्ट में टीम इंडिया की हार के बाद वे टीम में आए और अलग जोश भर दिया। अक्षर ने 3 टेस्ट में 27 विकेट लिए और डेब्यू सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। उनकी बदौलत भारत ने 3-1 से सीरीज अपने नाम की।
WTC फाइनल में खेलने का चांस?
यह तभी संभव है, अगर जडेजा अनफिट रहते हैं और हार्दिक पंड्या बॉलिंग नहीं कर पाते हैं। इसके अलावा एक और कंडिशन यह है कि भारत अगर 5 बॉलर खेलाने की इच्छा रखता है, तभी सिर्फ अक्षर टीम में होंगे।
3. वॉशिंगटन सुंदर

ब्रिस्बेन टेस्ट में गेंदबाजी के दौरान सुंदर।
कैसे आए स्क्वॉड में?
कोविड-19 की वजह से सिर्फ बड़े स्क्वॉड के पार्ट के रूप में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुने गए।
कैसे आए टीम में?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट के बाद अश्विन इंजर्ड हो गए थे। कुलदीप को शामिल करने से भारत की बॉलिंग मजबूत होती, लेकिन लोअर ऑर्डर में बैट्समैन की कमी हो जाती। ऐसे में बैलेंस बनाए रखने के लिए सुंदर टीम में आए। सुंदर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ब्रिस्बेन में आखिरी टेस्ट में टीम में शामिल किया गया।
योगदान
सुंदर ने अब तक 4 टेस्ट खेले हैं। इन सभी में उन्होंने बल्ले से अच्छा योगदान दिया है। 6 पारियों में उनके नाम 3 हाफ सेंचुरी हैं। इसमें से 2 मौके पर उन्होंने अपनी पारी से मैच बचाया है। ब्रिस्बेन में डेब्यू पारी में 62 रन और अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ 96 रन ने मैच बचाए। 4 टेस्ट में सुंदर ने 66.25 की औसत से रन बनाए हैं। इसके अलावा उन्होंने गेंद से भी अच्छा प्रदर्शन किया है। उनके नाम 6 विकेट हैं। इसमें स्टीव स्मिथ और जो रूट जैसे खिलाड़ियों का विकेट शामिल है।
WTC फाइनल में खेलने का चांस?
बहुत कम चांस है। ऐसा इसलिए क्योंकि सुंदर का नंबर अश्विन, जडेजा और अक्षर के बाद आता है। 2 से 3 खिलाड़ियों के इंजर्ड होने पर ही उन्हें टीम में मौका मिलेगा।
4. शार्दूल ठाकुर

ब्रिस्बेन टेस्ट में गेंदबाजी करते शार्दूल।
कैसे आए स्क्वॉड में?
सुंदर की तरह शार्दूल को भी ऑस्ट्रेलिया में नेट बॉलर के तौर पर टेस्ट सीरीज के लिए स्क्वॉड में लिया गया।
कैसे आए टीम में?
ब्रिस्बेन में टीम इंडिया की इंजरी लिस्ट लंबी होने के कारण, शार्दूल को खेलने का मौका मिला।
योगदान
शार्दूल ने ब्रिस्बेन में मिले मौके को सही अंदाज में भुनाते हुए गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में योगदान दिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी में 3 विकेट लिए। इसके बाद सुंदर के साथ मिलकर 123 रन की पार्टनरशिप की। शार्दूल ने इस दौरान 67 रन की पारी खेली। इतना ही नहीं, ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उन्होंने 4 और विकेट लिए।
WTC फाइनल में खेलने का चांस?
सुंदर की तरह इनके भी खेलने का चांस न के बराबर है। इनसे पहले इशांत, बुमराह, शमी और सिराज को तरजीह दी जाएगी।
5. हनुमा विहारी

ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट के दौरान हनुमा विहारी।
कैसे आए स्क्वॉड में?
विहारी हमेशा टेस्ट स्क्वॉड का हिस्सा रहे हैं। हालांकि, उन्हें हमेशा विदेशी दौरे पर ही टीम में शामिल किया गया है।
कैसे आए टीम में?
विहारी पहले तीन टेस्ट में टीम इंडिया का हिस्सा रहे। इंजरी के कारण चौथे टेस्ट नहीं खेल पाए।
योगदान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में खेले गए तीसरे टेस्ट से पहले विहारी का बल्ला शांत था। पर सिडनी में जब भारत को एक ऐसे बल्लेबाज की जरूरत थी, जो एक दिन पिच पर टिककर भारत को ड्रॉ की तरफ ले जाए, तब विहारी की एंट्री हुई। उन्होंने अश्विन के साथ मिलकर एक दिन बल्लेबाजी की। इस दौरान उन्हें हैम्स्ट्रिंग की समस्या से भी जूझना पड़ा। इसके बावजूद वे डटे रहे। वहीं, 2019 में वेस्टइंडीज दौरे पर नॉर्थ साउंड में उनकी 93 रन की पारी और किंग्सटन में 53 नॉटआउट की पारी ने भारत को WTC में आगे बढ़ने में मदद की थी।
WTC फाइनल में खेलने का चांस?
बहुत कम चांस है। अगर टीम इंडिया 5 गेंदबाजों को शामिल करने के प्लान से खेलती है, तो विहारी नहीं खेल पाएंगे। वहीं, अगर टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा बैट्समैन को शामिल करने के प्लान पर आती है, तो विहारी को मौका मिल सकता है।
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