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पिता की मौत पर रोती बेटी।
स्टेशनों पर दुर्घटनाएं अक्सर होती रहती हैं, लेकिन जमुई रेलवे स्टेशन पर आज की घटना का दृश्य जिसने भी देखा होगा, कलेजा फट पड़ा होगा। जनशताब्दी एक्सप्रेस धीरे-धीरे पटरी छोड़ रही थी और एक हर्ट पेसेंट पिता अपनी बेटी का बैग लेकर दौड़ रहा था। सांस फूल रही थी, लेकिन बेटी के हाथ में बैग थमाने के लिए उनके कदम रुक नहीं रहे थे। इसी दरम्यान ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और वे झटका खाकर गिर पड़े। चोट ऐसी लगी कि हर्ट अटैक आ गया। बेटी बदहवास होकर ट्रेन के गेट पर खड़ी पिता को देख रही थी और पिता बुझती सांसों के साथ उस बिटिया को, जिसे इंजीनियर बनने के लिए वे कोलकाता भेजन आए थे।
पिता को स्टेशन पर छटपटाते देख बेटी ने ट्रेन रुकवाई
यह घटना जमुई रेलवे स्टेशन पर हुई। पिता सुनील मोदी को स्टेशन पर छटपटाते देख बेटी मनीषा ने ट्रेन रुकवाई। चींखती-चिल्लाती हुई वह ट्रेन से उतर कर पिता के पास आई। पापा..पापा…आंखें खोलिए पापा….मदद करो…बचा लो मेरे पापा को…। बदहवास बेटी लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी, तभी मौके पर रेलवे पुलिस के जवान दौड़े-दौड़े आए और उन्हें उठाकर जमुई सदर अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
जनता कॉलेज सूर्यगढ़ा में समाजशास्त्र के प्रोफेसर थे
सुनील मोदी मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर थाना अंतर्गत दरियापुर गांव निवासी थे। उनकी उम्र 59 वर्ष थी। वे लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा प्रखंड स्थित जनता महाविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर थे। शनिवार को वे अपनी पुत्री मनीषा कुमारी उर्फ झीमी को जमुई रेलवे स्टेशन पहुंचाने आए थे। बेटी को ट्रेन पर चढ़ाने के बाद ही ट्रेन खुल गई। इस बीच बेटी का एक बैग स्टेशन पर ही छूट गया, जिससे देने के लिए वे चलती ट्रेन के पीछे-पीछे भागने लगे। इसी दरम्यान ट्रेन के झटके से उनका पैर लड़खड़ा गया और स्टेशन पर गिर गए।
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