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- Bihar Congress; Bhakta Charan Das Compare PM Narenda Modi And CM Nitish Kumar To Ravan
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सदाकत आश्रम में प्रेस वार्ता करते कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास।
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास ने 15 जिलों की यात्रा के बाद पटना लौटते ही प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की तुलना रावण से कर दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को रावण जैसा व्यवहार देश के लोगों के साथ नहीं करना चाहिए। रावण और राम दो चरित्र हैं। राम के नाम को बाजार में बेचने से बचना चाहिए। काम करना चाहिए। रावण जैसा व्यवहार देश के किसान के साथ नहीं करना चाहिए। भक्त चरण दास पटना स्थित कांग्रेस के मुख्य कार्यालय सदाकत आश्रम में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बिहार में घूम-घूम कर उन्होंने किसान सत्याग्रह किया। पैदल यात्रा के साथ अन्य कार्यक्रम भी किए। पिछले साल बिहार के किसानों को 25 सौ करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। बिहार में प्रति व्यक्ति आय 36 सौ रुपए है।
किसानों और बेरोजगारों पर ध्यान नहीं दे रही बिहार सरकार
बिहार में बेरोजगारी चरम पर है। यहां का हर दूसरा व्यक्ति बेरोजगार है। बिहार की सरकार किसानों और बेरोजगारों पर ध्यान नहीं दे रही है। बिहार में सरकार को 5 हजार फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाना चाहिए। यहां इसकी व्यापक संभावना है, लेकिन यह काम भी सरकार नहीं कर पा रही है। वर्षों से चीनी मिल बंद हैं, उस पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है। सरकार मक्का का, दाल का सही मूल्य नहीं दे रही। धान की तो ठीक से खरीद भी नहीं की जा रही है।
हमारे कार्यकर्ता बोलने वाले हैं, चुप नहीं बैठेंगे
कार्यकर्ताओं के विरोध-प्रदर्शन के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता बोलने वाले हैं। यहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि बिहार में नल-जल योजना फेल है, बड़े-बड़े टैंक लगे हैं, पर नलों में पानी नहीं है। कई जगहों पर पाइप ऐसे ही पड़ी हुई है।
बिहार में किसानों का बड़ा आंदोलन होगा
भक्त चरण दास ने कांग्रेस की आगे की रणनीति पर बात करते हुए कहा कि 100 नेताओं से वार्ता करेंगे और उन्हें टास्क के साथ क्षेत्र में भेजा जाएगा। इसमें विधायक, पूर्व विधायक भी होंगे। कहा कि बिहार के बचे हुए जिलों में भी वे यात्रा करेंगे। अगले चरण में 14 जिलों की यात्रा पर निकलेंगे। 15 मार्च तक बिहार के सभी 38 जिलों की यात्रा पूरी कर लेंगे। बिहार में किसानों का बड़ा आंदोलन होगा। लाल किले के पास तिरंगे के अपमान के सवाल को भी उन्होंने उठाया और कहा कि साजिश के तहत यह सब किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए किया गया। सरकार ने तिरंगे का अपमान करने वालों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। सरकार को तिरंगे के अपमान की तनिक भी परवाह नहीं।
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