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- Yoga Has Become A Game, Many New Unions Are Ready, About 50 Federations Have Been Registered
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45 साल पुराने योग फेडरेशन ऑफ इंडिया की बजाय नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन को मान्यता मिली है।
- एक साल पहले बने फेडरेशन को मान्यता दी, 45 साल पुराना योग फेडरेशन ऑफ इंडिया कोर्ट पहुंचा
- खेल मंत्रालय ने 17 दिसंबर को योग को खेल का दर्जा दिया था
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने 17 दिसंबर को योग को खेल की मान्यता दे दी थी। फिर खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया। मान्यता मिलने के साथ ही योग में संघ विवाद शुरू हो गया है। मंत्रालय ने नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन को मान्यता दी है। यह फेडरेशन पिछले साल ही बना है। जबकि 45 साल पुराने योग फेडरेशन ऑफ इंडिया को इससे दूर रखा है। ऐसे में योग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। मामला काेर्ट में है।
योग को पांच साल पहले भी खेल का दर्जा मिला था। अब तक नेशनल व स्टेट के करीब 50 से अधिक योग संघ और संस्थाएं रजिस्टर्ड हो चुकी हैं। वहीं, इंटरनेशनल लेवल पर 4 से अधिक फेडरेशन काम कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि विदेशाें में याेग से आमदनी बहुत ज्यादा है। इसलिए इस क्षेत्र में काम करने वाले लाेगाें ने वहां इंस्टीट्यूट खाेले और इंटरनेशनल एसाेसिएशन बना लिए। अब इसे मान्यता मिलने के बाद खेल संघ बन गए। सब खुद को सही बता रहे हैं। ऐसे में खिलाड़ियों के सामने कन्फ्यूजन है कि मान्य संघ कौन सा है और कहां से खेलें।
सीनियर भारतीय टीम की खिलाड़ी सरिता विडोरिया कहती हैं, ‘खेल में संघ विवाद की समस्या काफी लंबे समय से है। मैंने अलग-अलग सेंटर में ट्रेनिंग की क्योंकि मुझे पता नहीं था कि रजिस्टर्ड कौन सा है। भोपाल जिला योग स्पोर्ट्स से जुड़ने के बाद थाईलैंड में होने वाले टूर्नामेंट के लिए सीनियर टीम में चुनी गई थी।’
पिछली बार जिस संघ को मान्यता मिली थी, इस बार दरकिनार किया
पांच साल पहले योग फेडरेशन ऑफ इंडिया को ही मान्यता मिली थी। यह संस्था पिछले 45 साल से रजिस्टर्ड है। इसे 2011 तक नॉन ओलिंपिक खेलों के तहत भारतीय ओलिंपिक संघ से भी मान्यता मिली थी। यह एशियन योग फेडरेशन और इंटरनेशनल योग फेडरेशन से संबंधित है। इसके अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने बताया, ‘सरकार ने पिछले साल नई फेडरेशन का गठन किया और उसे मान्यता दे दी है। उसने एक भी प्रतियोगिता नहीं कराई है। हमारे प्रयास से ही स्कूल, यूनिवर्सिटी गेम्स में कॉम्पिटीशन होते हैं। एनआईएस पटियाला के डिप्लोमा कोर्स में भी हमारी प्रतियोगिताओं के सर्टिफिकेट ही मान्य है। पिछले 28 सालाें से इंटरनेशनल योग फेडरेशन द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में हमारे खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इंटरनेशनल योगा फेडरेशन ओलिंपिक कमेटी से मान्यता लेने के लिए प्रक्रिया पूरी कर रही है।’
बाबा रामदेव से जुड़े नेशनल योगासन फेडरेशन को है मान्यता
खेल मंत्रालय ने फिलहाल नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन को मान्यता दी है। इसका गठन साल 2021 में हुआ है। नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के डायरेक्टर डाॅ. ईश्वर वी. बसवारेड्डी हैं। जबकि सचिव पतंजलि योगपीठ के जयदीप आर्या हैं।
योग फेडरेशन बोर्ड के डायरेक्टर इसके सेक्रेटरी हैं। इस संस्था ने इंटरनेशनल याेगासन स्पाेर्ट्स फेडरेशन (नई दिल्ली) से मान्यता ली है, जिसके अध्यक्ष स्वामी रामदेव हैं जबकि महासचिव जयदीप आर्य हैं। इस संस्था से पीएम नरेंद्र माेदी के याेग गुरु एचआर नागेंद्र भी जुड़े हुए हैं। हालांकि अब इस संस्था का नाम बदलकर वर्ल्ड योगासन स्पाेर्ट्स फेडरेशन किया जा रहा है क्याेंकि इंटरनेशनल याेगासन स्पाेर्ट्स फेडरेशन के नाम पहले ही एक संस्था रजिस्टर्ड हाे चुकी है।
चार इंटरनेशनल बॉडी, आईओसी से मान्यता किसी को नहीं
योग की 4 से अधिक इंटरनेशनल बॉडी हैं। सभी ने अलग-अलग नेशनल एसोसिएशन को मान्यता दे रखी है। लेकिन इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (आईओसी) से मान्यता किसी को नहीं मिली है। ये बाॅडी हैं- इंटरनेशनल योग कमेटी, इंटरनेशनल योग फेडरेशन, इंटरनेशनल योगासन स्पाेर्ट्स फेडरेशन (दिल्ली) और इंटरनेशनल याेगासन स्पाेर्ट्स फेडरेशन (सिंगापुर)।
संस्थाएं लखनऊ -कोलकाता से लेकर सिंगापुर तक
नेशनल योग फेडरेशन ऑफ इंडिया 2017 में बना, जिसका ऑफिस लखनऊ में है। एक संस्था ऑल इंडिया योग स्पोर्ट्स फेडरेशन सिंगापुर में है। सिंगापुर के देव कपिल अध्यक्ष और कनाडा के अल्वर्ट रैपिंग महासचिव हैं। इसका गठन 2019 में हुआ था। मप्र के पूर्व मंत्री दीपक जोशी इसके अध्यक्ष हैंं। काेलकाता से संचालित इंडिया योग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण पुराेहित हैं। इसने करीब 20-30 राज्य संघाें काे एफिलेशन दिया है।
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